कहते है कि दिल्ली की हवा कुछ ऐसी होती है जो सीधे-साधे लोगों को भी चालाकी सीखा देती है लेकिन आज के जो हालात है उसे देखकर तो ऐसा लगता है कि दिल्ली की हवा एक अच्छे स्वस्थ इंसान को भी बीमार बना दे. आज के इस आधुनिक युग में अगर आप अपने आस-पास नजर घुमाकर देखेंगे तो लगेगा जैसे हवा में जहर मिला दिया हो और यह जहरीली हवा से खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है जब बात हो देश की राजधानी दिल्ली की. हाल ही में आए आंकड़ो पर अगर नजर डाले तो दिल्ली और NCR की हवा का जो AQI दर्ज हुआ है वह 450 से 500 तक गया जो एक इंसान को बीमार करने के लिए काफी होता है. हवा में जहर इस हद तक बढ़ गया है कि बच्चों के स्कूल और बड़ो के दफ्तर बंद करने की भी मांग उठाई जा रही है.
वायु प्रदूषण की क्या है वजह ?
सबसे पहले आपको बताते है कि हर साल हवा इतनी जहरीली क्यो हो जाती है. जैसा कि आप लोग जानते ही है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब हवा में इतना प्रदूषण हो रहा है हर साल इसी तरह की दिल्ली और एनसीआर की हवा जहरीली हो जाती है और सरकार केवल दांवे करती चली जाती है. हवा में प्रदूषण का कारण बड़ी-बड़ी फैक्ट्री से निकलने वाली गैस, गाड़ीयों का धुआ जैसे चीजे तो होती है लेकिन जो मुख्य कारण होता है वो है फसलों के बचे अवशेष को जलाना. पंजाब और हरियाणा में हर साल अलग-अलग तरीको से फसल के बचे अवशेष को जलाया जाता है हालांकि. इसे जलाने पर सरकार की तरफ से रोक लगाई गई है लेकिन लोगों को रोक नहीं पाई है.
प्रदूषण का क्या होता है असर ?
हवा में घुले इस जहर से हर किसी के जीवन पर असर पड़ता है. हालात कुछ ऐसे बन जाते है कि जिन लोगों को सांस की परेशानी होती है वह तो अपने घर से बाहर तक नहीं निकल पाते. आंखों में जलन और पानी आने जैसी शिकायते भी देखी जाती है. वहीं अब एक बार फिर से दिल्ली में ऑड-इवन और स्कूलों को बंद करने की आहट सुनाई देने लगी है. इसी के साथ-साथ हवा में फैली धुंध को देखते हुए सभी निर्माण कार्यों को रोक दिया गया है और ट्रकों की एंट्री पर भी रोक लगा दी गई है. इसके अलावा बच्चों के सभी स्कूलों को बंद करने की भी मांग उठाई जा रही है. लेकिन सोचने वाली बात यह है कि हवा में प्रदूषण की वजह सरकार की गलतियों की वजह से होता है लेकिन परेशानी आम जनता को उठानी पड़ती है.
हवा में प्रदूषण और सड़को पर राजनीति..
जैसे-जैसे हवा में प्रदूषण बढ़ता है वैसे-वैसे राजनीति में सियासत तेज होती चली जाती है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी हर साल इस मुद्दे पर वादे और दांवे तो कई करती है लेकिन पूरा एक नहीं कर पाती. बात दिल्ली के प्रदूषण को रोकने की हो या फिर पंजाब में फसलों के बचे शेष को जलाने से रोकने की हर साल वह इसमें असफल ही नजर आते है. जिसके बाद विपक्षी पार्टी का पुरजोर विरोध शुरू हो जाता है. लेकिन लोगों का कहना है कि वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली सरकार ऐसी हो गई है जो अपने वादों पर कभी खड़े नहीं उतरते अब देखना यह होगा कि वायु प्रदुषण इसी तरह से लोगों के जीवन की मुश्किलें बढ़ाता रहेगा या फिर सरकार इसे रोकने के लिए कोई अहम कदम उठाएगी.