दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शराब घोटाले के मुख्य आरोपित मनीष सिसोदिया को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा खुलासा किया है। ईडी ने गुरुवार (10 नवंबर 2022) को पीएमएलए (Prevention of Money Laundering Act) कोर्ट में दावा किया कि दिल्ली की आबकारी नीति के सार्वजनिक होने से काफी पहले कुछ शराब निर्माताओं को लीक कर दी गई थी। मनीष सिसोदिया समेत 34 वीआईपी लोगों ने डिजिटल साक्ष्य मिटाने के लिए 140 बार मोबाइल फोन बदले थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जाँच एजेंसी ने दिल्ली की नई आबकारी नीति मामले में बुधवार (9 नवंबर 2022) देर रात दो शराब कारोबारियों को गिरफ्तार किया था। फ्रांस की शराब कंपनी पर्नोड रिकार्ड के दिल्ली क्षेत्रीय प्रमुख बिनॉय बाबू और अरबिंदो फार्मा लिमिटेड के पूर्णकालिक निदेशक पी सरथ चंद्र रेड्डी की गिरफ्तारी के बाद पीएमएलए कोर्ट में ईडी ने इस बात की जानकारी दी। ईडी ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान आरोपितों ने खुलासा किया है कि चुनिंदा व्यापारिक समूहों को लाभ पहुँचाने के लिए शराब ठेकों के लिए 100 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ था।
एजेंसी ने कहा, “आबकारी घोटाले में शामिल वीआईपी लोगों ने डिजिटल साक्ष्य को नष्ट करने के इरादे से कुल 140 बार फोन (लगभग 1.20 करोड़ रुपए मूल्य के) बदले। इनमें मुख्य आरोपित, शराब कारोबारी, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और अन्य संदिग्ध हैं। फोन बदलने का समय बताता है कि ये ज्यादातर घोटाले के सामने आने के बाद बदले गए थे। हमारे पास इस बात को पुख्ता करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि आबकारी नीति पिछले साल 31 मई को कुछ शराब निर्माताओं के लिए लीक हुई थी, जबकि इसे दो महीने बाद 5 जुलाई, 2021 को सार्वजनिक किया गया था।”
बता दें कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार शराब घोटाले को लेकर चौतरफा घिरी हुई है। 30 अक्टूबर 2022 को बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट कर दावा किया था कि आरटीआई से जानकारी मिली है कि दिल्ली सरकार की शराब नीति से सरकारी खजाने को करीब 2500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा था, “नई शराब नीति के तहत, दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 से 31 अगस्त 2022 तक कुल 5,036 करोड़ रुपए कमाए, यानी प्रतिदिन 17.5 करोड़ रुपए की कमाई हुई। जबकि पुरानी शराब नीति के हिसाब से सितंबर 2022 में कुल 768 करोड़ रुपए कमाए यानी प्रतिदिन 25.6 करोड़ रुपए की कमाई हुई। इस तरह से हर दिन कम से कम 8 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।”