जम्मू-कश्मीर का अलगाववादी नेता यासीन मलिक आज जम्मू के टाडा कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश हो सकता है। अभी तक उसकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई है। 21 सितंबर को कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान यासीन ने खुद कोर्ट में फिजिकली पेश होने की बात कही थी। उसकी पेशी वायुसेना के जवानों पर हमला करने के मामले में है, जिसमें एयरफोर्स के 4 जवान शहीद हो गए थे जबकि 40 लोग घायल भी हुए थे।
25 मई को यासीन को मिली उम्रकैद
यासीन पर पाकिस्तान के समर्थन से कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए फंडिंग और आतंकियों को हथियार मुहैया कराने से जुड़े कई केस दर्ज थे। उसे 25 मई को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। NIA के वकील उमेश शर्मा ने बताया था- यासीन को दो मामलों में उम्रकैद और 10 मामलों में 10 साल सजा सुनाई गई। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इसके अलावा उस पर 10 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया था।
यासीन पर लगे थे ये आरोप
19 मई की सुनवाई के दौरान यासीन अपने गुनाह कबूल कर चुका है। मलिक पर 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर में वायुसेना के जवानों पर हमला करने का आरोप है। इस घटना में 40 लोग घायल हुए थे, जबकि चार जवान शहीद हो गए थे। स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना उनमें से एक थे। यह सभी एयरपोर्ट जाने के लिए गाड़ी का इंतजार कर रहे थे, तभी आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया था। मलिक ने
मीडिया को दिए इंटरव्यू में भी इस बात का जिक्र किया था।
इसके साथ ही पाकिस्तानी आतंकियों के साथ संबंध रखने के आरोप भी हैं। साथ ही जम्मू-कश्मीर के पूर्व CM मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण के भी आरोप लगे हैं। 1990 में कश्मीरी पंडितों की हत्या कर उन्हें घाटी छोड़ने पर मजबूर करने में भी यासीन की महत्वपूर्ण भूमिका रही।