गुजरात के मोरबी में पुल हादसे में अबतक 141 की मौत की खबर है. अभी भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है. पुल मोरबी में मच्छु नदी पर था, जहां लोग रविवार को छठ पूजा और वीकेंड मनाने के लिए पहुंचे थे. सूत्र से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है. बताया गया है कि पुलिस साजिश या फाउल प्ले के एंगल की भी जांच कर रही है. पुलिस यह देख रही है कि कहीं इसके पीछे कोई राजनीतिक साजिश या कोई अन्य साजिश तो नहीं है. गुजरात के होम मिनिस्टर हर्ष सांघवी ने कहा कि जो भी इसमें दोषी पाया गया उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. गुजरात सीएम भूपेंद्र पटेल भी देर रात हादसे वाली जगह पहुंचे. यहां पढ़ें सस्पेंशन ब्रिज नाम से मशहूर पुल से जुड़ी 10 बड़ी बातें…
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओरेवा नाम के एक निजी ट्रस्ट ने सरकार से टेंडर मिलने के बाद रिनोवेशन का काम शुरु किया था और पिछले हफ्ते इसे पब्लिक के इस्तेमाल के लिए खोला गया था. अधिकारियो ने बताया कि मरम्मत के लिए पुल सात महीने के लिए बंद था.
- सस्पेंशन ब्रिज नाम से मशहूर इस पुल को 15 साल के लिए ओरेवा कंपनी को संचालन और रखरखाव के लिए दिया गया था. मार्च महीने में पुल के रिनोवेशन का काम शुरु हुआ था और इस दौरान यह पुल लोगों के लिए बंद कर दिया गया था.
- रिपोर्ट के मुताबिक मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीपसिंह जाला ने बताया कि रिनोवेशन का काम पूरा हो जाने के बाद इसे लोगों के लिए खोला तो गया लेकिन इसके लिए स्थानीय नगरपालिका ने कोई फिटनेस सर्टिफिट जारी नहीं किया था. पुल को गुजरात के नए साल के मौके पर 26 अक्टूबर को फिर से खोला गया था. इसके बाद पुल पर लोगों की आवाजाही शुरू हो गई थी.
- रिपोर्ट में बताया गया है कि “इंजीनियरिंग मार्वेल” को दर्शाता यह पुल 19वीं शताब्दी के आसपास बनाया गया था. पुल को “मोरबी के शासकों की प्रगतिशील और वैज्ञानिक प्रकृति” रिफ्लेक्ट करने के रूप में जाना जाता है.
- इस सस्पेंशन ब्रिज का निर्माण सर वाघजी ठाकुर ने करवाया था जिन्होंने 1922 तक मोरबी पर शासन किया था. बताया जाता है कि इस पुल का निर्माण दरबारगढ़ पैलेस को नज़रबाग पैलेस से जोड़ने के लिए कराया गया था. 1.25 मीटर चौड़े और 233 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण यूरोप में उन दिनों मौजूद टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके बनाया गया था.
- मोरबी हादसे को लेकर मामला दर्ज हो गया है. आईजीपी के नेतृत्व में ये जांच की जाएगी. जो भी इसमें दोषी पाया गया उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मोरबी हादसे को लेकर रखरखाव करने वाली एजेंसी के खिलाफ 304, 308 और 114 के तहत क्रिमिनल केस दर्ज किया गया है, आज से ही जांच शुरू की गई है.
- इस हादसे में राजकोट से बीजेपी सांसद मोहनभाई कल्याणजी कुंदारिया के 12 रिश्तेदारों की भी मौत हो गई है.
- हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये पीएम राहत कोष और सीएम राहत कोष से चार-चार लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की गई है.
- प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि जब ब्रिज नीचे पानी में गिर गया तो उस दौरान काफी संख्या में महिलाएं और बच्चे थे. एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया, हो सकता है कि पुल पर भारी भीड़ के कारण गिरा हो. ढहने के बाद पुल का सिर्फ कैरिजवे हिस्सा ही बचा था, जो एक छोर से नीचे गहरे पानी में लटक गया था. इसकी मोटी केबल जगह-जगह टूट गई थी.
- स्थानीय अस्पताल में लोगों ने भीड़ को रोकने के लिए एक ह्यूमन चेन बनाई और एम्बुलेंस के लिए रास्ता साफ रखा जिससे बचाए गए लोगों को लाया गया. गृहमंत्री संघवी ने कहा कि पुल ढहने की जांच के लिए पांच सदस्यीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया है. इसमें सड़क एवं भवन विभाग के सचिव संदीप वसावा और चार अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.