ज्ञानवापी के बाद अब यहां ज़मीन फाड़कर प्रकट हुए महादेव !

    ज्ञानवापी मे महादेव है , मुस्लिम समाज कहता रहा की साहब वो महादेव नही, हमारा वजुखाना है। जिसे आप महादेव मान रहे है, वो महादेव नही, फुव्वारा है , जहां नमाज़ से पहले हाथ पाव धोए जाते है। ये सुनने के बाद भी हिंदू समाज ख़ामोश रहा। मामला कोर्ट पहुंचा , जहां से फैसला होगा कि आख़िर किसके दावों मे कितना दम है। लेकिन दावों के बीच इस बार महादेव ने एक बार फ़िर अपनी दमक दिखाई है। जिसने सूबे में सनसनी फैला दी है। इस बार हर कोई हैरान है और हैरानी के पीछे की कहानी भी ऐसी, जिसे जिसने भी सुना , उसके होश उड़ गए। क्या हुआ वो बताएंगे लेकिन पहले ख़बर को जान लीजिए।

    दरअसल, यूपी मे बाबा योगी आदित्यनाथ के सूबे मे फिर से महादेव ने दर्शन दिए है। सूबे से इस बार एक नही , दो नही, बल्कि तीन तीन शिवलिंग की आकृतिया मिली हैं। कैसे ? वो भी जान लीजिए।
    दरअसल, कानपुर के सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर बीते पिछले एक साल से एस्कलेटर का कार्य निर्माण चल रहा था, जो अब पुरा होने वाला भी है और इसी दौरान लोहे के एंगल लगाने के लिए खुदाई की जा रही थी। खुदाई के दौरान जैसे ही मलवा हटाया गया, मलवा हटते ही वहा एक के बाद एक तीन शिवलिंग दिखाई दिए। जिसके बाद खुदाई के काम को भी रोक दिया गया। और तभी ये ख़बर जंगल में लगी आग की तरह फैल गई। वहा लोगों की भीड़ भी लगनी शुरु हो गई, मानो सभी महादेव के दर्शन करना चाहते हो। बताया जा रहा है कि ये शिवलिंग ही है , और मुमकिन है कि ब्रिटिश काल से ही पहले का हो। हालाकि, माना ये भी जा रहा है कि यहां पर शायद कोई शिव मंदिर भी रहा होगा , जो रेलवे स्टेशन बनाते समय दब गया हो। लेकिन इस बीच लोगों ने चौकाने वाला एक दावा भी किया , जो हर किसीको हैरान कर गया। बताया जा रहा है कि जिस वक्त शिवलिंग मिले, उस वक्त उससे नाग और नागिन का जोड़ा भी लिपटा हुआ था।

    जब शिवलिंग को खुदाई करके बाहर लाया गया, तो नाग और नागिन को बाहर आकर फन भी दिखाने लगे। लेकिन उसके बाद फिर नाग नागिन ज़मीन के अंदर चले गए, लेकिन कहा गए वो किसीको नही पता। हालाकि, अधिकारियों का क्या कहना है , वो भी जान लीजिए। कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन के उप मुख्य, यातायात प्रबंधक आशुतोष सिंह ने बताया कि खुदाई में मिले पत्थर शिवलिंग है या नहीं इसकी जांच कराएंगे। रेलवे की इंजीनियरिंग विभाग की टीम को मौके पर जांच के लिए भेजा भी गया है। पुरातत्व विभाग को भी पत्र लिखकर विशेषज्ञों से जांच कराएगी।
    मामले की गंभीरता को देखते हुए RPF और रेलवे के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। फिल्हाल, अब लोगों को इंतजार है कि आगे की कारवाई क्या होगी। लेकिन इन शिवलिंग की आकृतियो का मिलना और उनसे नाग और नागिन के लिपटे होने का भेद शायद ये बताने के लिए काफ़ी है की कुछ तो रहस्य है।