NEW DELHI: 1984 से लंबित वक्फ बोर्ड (WAQF BOARD) संपत्ति के मामले में केंद्र सरकार का एक बड़ा फ़ैसला आया है l केंद्र सरकार ने दिल्ली स्थित 123 वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को वापस लेने का फ़ैसला लिया है l ये ज़मीनें कनाट प्लेस, अशोक नगर आदि कई जगहों पर हैं जिनमें कब्रिस्तान, दरगाह, मस्जिद आदि बने हैं l इन संपत्तियों में से एक राष्ट्रपति भवन के भीतर भी है l
इसको लेकर विश्व हिन्दू परिषद ने 1984 में ही अपनी याचिका दायर की थी और उनका संघर्ष तब से शुरू था l
विहिप में ख़ुशी की लहर
इस फ़ैसले को विश्व हिन्दू परिषद (इंद्रप्रस्थ) ने सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर सरीखा बड़ा फ़ैसला मानते हुए अपनी ख़ुशी ज़ाहिर की हैl. उन्होंने कहा कि ये पहला ऐसा मामला है जहाँ किसी सरकारी संपत्ति को मुक्त कराने के लिए एक गैर सरकारी संगठन ने इतना लंबा संघर्ष किया है l
यह फ़ैसला केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की तरफ़ से आया है l
वक्फ बोर्ड की तरफ से नहीं आयी थी कोई आपत्ति
केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार द्वारा न्यायाधीश एसपी गर्ग के नेतृत्व में दो सदस्यीय समिति गठित की गई थी और मौके देने के बाद भी वक्फ बोर्ड की तरफ से कोई आपत्ति नहीं की गई था कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई l
ग़ौरतलब है कि ये संपत्तिया 1984 में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड (WAQF BOARD) को सौंपी गईं थीं l इंद्रप्रस्थ विहिप द्वारा इस मामले को कोर्ट में लाया गया था l