जानें क्या है पूरी खबर
अगर आप सोशल मीडिया पर ऐक्टिव हैं तो बिकिनी पहन कर Delhi Metro में सफर करने वाली युवती का वीडियो अब तक आप की आंखों के सामने से गुजर ही गया होगा। यह वीडियो वायरल होने के साथ-साथ सामाजिक बहस का मुद्दा भी बन गया है। इस मुद्दे पर सोशल मीडिया दो हिस्सों में बंट गया है जहां एक तरफ लोग इसे युवती की फ्रीडम ऑफ चॉइस बता रहे हैं वहीं दूसरी तरफ लोगों का कहना है कि पब्लिक प्लेस में अनाप-शनाप पहनकर कुछ भी घूमने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। लोगों ने लड़की के पहनावे की तुलना एक्टर और मॉडल उर्फी जावेद से की है जो अपने पहनावे को लेकर चर्चा में रहती हैं।
जानें कौन है Delhi Metro की वायरल युवती?
Delhi Metro की वायरल वीडियो में दिख रही लड़की का नाम ऋदम चनाना है। उन्होंने कहा है कि यह उनकी आजादी है कि वो क्या पहनना चाहती हैं। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा है कि लोग उन्हें मैसेज करके पूछ रहे हैं कि क्या ‘वो मेट्रो वाली लड़की तुम ही हो’। इसके जवाब में चनाना उन्हें बताती हैं, “हां ये मैं ही हूं।”
एक इंटरव्यू में बातचीत में चनाना ने कहा कि वो ये पब्लिसिटी स्टंट के लिए या फेमस होने के लिए नहीं कर रही हैं। उन्हें कोई परवाह नहीं कि लोग क्या कहते हैं. ये पूछने पर कि क्या उन्होंने ये सब उर्फी जावेद से प्रेरित होकर किया, चनाना ने कहा,
मैं उर्फी जावेद से प्रेरित नहीं हूं। मैं उसे जानती भी नहीं थी, जब हाल में एक दोस्त ने उसकी फोटो दिखाई थी। ये चॉइस एक दिन में नहीं बनती है। यह एक प्रक्रिया है. मैं भी एक रुढ़िवादी परिवार से आती हूं. जहां मुझे भी वो सब करने की आजादी नहीं है जो मैं करना चाहती हूं। इसलिए एक दिन मैंने फैसला किया कि अपने मन का करूंगी. मैं इस तरीके से कई महीनों से ट्रैवल कर रही हूं.”
चनाना ने कहा कि उनके परिवार वाले भी उनकी पसंद से खुश नहीं हैं। पड़ोसियों से उसे लगातार धमकी मिलती है, लेकिन वो इसकी परवाह नहीं करतीं।
DMRC ने क्या कहा?
वीडियो वायरल होने के बाद दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन का भी बयान आया है। DMRC ने कहा है,
“DMRC उम्मीद करता है कि यात्री सभी सामाजिक शिष्टाचार और नियमों का पालन करें जो समाज में स्वीकार्य हैं. यात्रियों को किसी ऐसी गतिविधि में नहीं पड़ना चाहिए या ऐसे कपड़े नहीं पहनने चाहिए, जिससे साथी यात्रियों की संवेदनशीलता का अपमान हो. DMRC के ऑपरेशंस एंड मेंटनेंस एक्ट की धारा-59 के तहत अश्लीलता एक दंडनीय अपराध है. यात्रियों से अपील करते हैं कि वे मेट्रो में यात्रा के दौरान शिष्टाचार बनाए रखें.”
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हालांकि DMRC ने आगे यह भी लिखा कि यात्रा के दौरान पसंद के कपड़े पहनना किसी का व्यक्तिगत मामला है. और यात्रियों से उम्मीद की जाती है कि वे जिम्मेदार तरीके से अपना बर्ताव रखें.
दिल्ली मेट्रो के बयान पर चनाना ने भी जवाब दिया. उसने इंडिया टुडे से कहा कि यह अजीब है कि दिल्ली मेट्रो अपने ही नियम को भूल गई कि ट्रेन के भीतर वीडियोग्राफी मना है. अगर उन्हें मेरे कपड़े पहनने पर आपत्ति है, तो उन्हें वीडियो बनाने वालों से भी आपत्ति होनी चाहिए।
बहरहाल इस पूरे मामले पर आपका क्या कहना है ये सामाजिक मर्यादा का उल्लंघन है या फिर फ्रीडम ऑफ़ चॉइस हमे कॉमेंट सेक्शन में कमेंट कर बतायें।