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UP News: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बंजर व परती जमीनों का नए सिरे से डेटा बैंक कराने जा रही है। इसके आकंड़े ऑनलाइन के माध्यम से तैयार किए जाएंगे। इसके बाद इनका इस्तेमाल उद्योग लगाने, विकास कार्यों और सरकारी योजनाओं के कार्यो में किया जाएगा। बता दें कि अभी तक इनका डेटा सरकार के पास नहीं है, इसलिए किन जिलों में कितनी जमीनें खाली पड़ी हैं, इसका पता नहीं चल पा रहा है।
योजनाओं को लागू करने के लिए जमीनें कम पड़ रही हैं
सरकार की योजनाओं को क्रियांवित करने के लिए जमीनें कम पड़ रही हैं या कहें कि जमीनें नहीं मिल रही हैं। इसके चलते खेती की जमीन खत्म होती जा रही हैं। इसलिए अब सरकार ने तय किया है कि बंजर और परती जमीनों का ब्यौरा तैयार किया जाए और उसके बाद तमाम योजनाओं को बनाया जाए। जमीनों का डेटा मिलने के बाद सरकार के पास इसके लिए एक बैंक तैयार हो जाएगा और जरूरत पड़ने पर राज्य सरकार इनका इस्तेमाल करेगी।
स्थानीय उद्योमियों दी जाएगी खाली जमीन
जमीनों का डेटा तैयार करने के बाद स्थानीय उद्यमियों को जमीनों का दौरा कराया जाएगा। उनको पसंद आने के बाद जरूरत के हिसाब से उन्हें उद्योग लगाने के लिए जमीनें दी जाएँगी। बता दें कि योगी सरकार प्रदेश को इंडस्ट्री हब बनाना चाहती है। पैदावार के हिसाब से क्षेत्रीय उद्योगिक इकाई को मजबूत किया जाएगा। फिलहाल यूपी में जमीनों की दिक्कतें सामने आ रही है। योगी सरकार ने साफ कर दिया है कि राज्य में किसी भी प्रकार से अवैध तरीके से जमीनों पर कब्जा नहीं किया जाएगा।
अवैध जमीनों पर चलेगा बुलडोजर
यूपी की योगी सरकार ने अवैध रूप से कब्जाई जमीनों से अतिक्रमण हटवाया है और उनसे जुर्माना भी वसूला है। अब सरकार इस बात की भी जानकारी रखेगी की किसने सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण किया है और कितने सालों तक इसका इस्तेमाल किया है और इसी के आधार पर प्रशासन जुर्माना वसूलेगा। एक उच्च अधिकारी ने कहा कि प्रदेश में काफी जमीनों पर कब्जा किया गया है। अब उनके खिलाफ अभियान चलाकर बंजर और परती जमीनों को अपने कब्जे में लिया जाएगा।