पूजा की अनुमति प्राप्त करने के बाद, Gyanvapi मस्जिद परिसर ने पूरे देश की धारा को वाराणसी की ओर मोड़ दिया है। आगामी सात दिनों में, इस स्थान पर पूजा और तहखाने में प्रवेश के सभी व्यवस्थाएँ पूरी की जाएंगी।
हिंदू पक्ष की पूजा-अर्चना यहां 1993 तक होती थी, लेकिन विवाद के कारण फिलहाल 31 सालों से किसी को यहां जाने की अनुमति नहीं थी। उस समय समाजवादी पार्टी की सरकार थी.
#WATCH | On the Gyanvapi case, Vishnu Shankar Jain, lawyer of the Hindu side says,” In compliance of the order of Varanasi court, the State govt and district administration has made amendments to the barricading and daily puja has started in ‘Vyas parivar Tehkhana’.” pic.twitter.com/HMbWcBOGfl
— ANI (@ANI) February 1, 2024
हाल ही में, एएसआई ने कोर्ट के निर्देशों के अनुसार सर्वे किया और उसके पश्चात व्यास के तहखाने में पूजा की अनुमति दी गई है।एएसआई ने यह रिपोर्ट अदालत के समक्ष जमा करवाई है। जानकारी के अनुसार इस रिपोर्ट में स्पष्ट किया गा है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निर्माण 16वीं शताब्दी में किया गया था। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी साफ किया गया है कि यहां पुराने ढांचे के ऊपर ही मस्जिद को बनाई गई है। रिपोर्ट के अनुसार इस मस्जिद को दो चरणों में बनाया गया है। जिसमें पहले पश्चिमी दिशा में गुंबद और मीनार बने। फिर आगे का निर्माण किया गया।