Deoria Murder Case : जमीन के चक्कर में किये कतल , योगी आदित्यनाथ ने उठाए इसके खिलाफ सख्त कदम

 

देवरिया हत्या कांड

Deoria Murder Case : उत्तर प्रदेश में आये दिन हत्या के कांड सुन्ने में आते हैं, योगी राज के आने बाद वैसे तो गुंडाराज को जड़ के ख़त्म करदिया गया है। पर आज भी ऐसी वारदात सामने अति है जिनका इलाज सिर्फ योगी जैसा मुख्य मंत्री ही कर सकता है। देवरिया में जमीन के लिए हुए नरसंहार के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(CM Yogi Adityanath )ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एसडीएम और सीओ समेत 15 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. सीएम योगी ने कहा है कि देवरिया हत्याकांड में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा. अपराधियों को सबसे खराब सजा का सामना करना पड़ेगा.

देवरिया के फतेहपुर गांव में आठ बीघे जमीन के विवाद में छह लोगों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई की है. नौ साल पुराने इस विवाद में शिकायतों का निस्तारण न कर पाने के कारण उनके आदेश पर गुरुवार को रुद्रपुर तहसील के एसडीएम योगेश कुमार गौड़ और क्षेत्राधिकारी जिला जीत समेत 15 राजस्व और पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया।

इनमें दो तहसीलदार, एक राजस्व निरीक्षक, दो लेखपाल, एक निरीक्षक, दो उपनिरीक्षक, एक हेड कांस्टेबल और चार कांस्टेबल शामिल हैं। जांच में पता चला कि आईजीआरएस (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) पर नियमित रूप से की जाने वाली शिकायतों के निस्तारण में जिम्मेदार कर्मी बेहद लापरवाही बरत रहे हैं। घटना के बारे में पूछे जाने पर योगी ने कहा कि अपराधी चाहे कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। उनमें से प्रत्येक को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

Deoria Murder Case :15 suspended including SDM-CO in Deoria massacre
Deoria Murder Case : 15 suspended including SDM-CO in Deoria massacre

किन 5 लोगो की करी हत्या

जनशिकायतों के निस्तारण में लापरवाही नहीं होने दी जायेगी। 2 अक्टूबर को देवरिया के फतेहपुर गांव में सपा के पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की हत्या के बाद उनके परिवार के सदस्यों और समर्थकों ने गांव के सत्य प्रकाश दुबे और उनके पांच सदस्यों की हत्या कर बदला लिया। इस मामले में 27 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और पुलिस ने 20 लोगों को जेल की सजा सुनाई है.

जांच के मुताबिक, सत्य प्रकाश दुबे ने सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे को लेकर प्रेमचंद के खिलाफ आईजीआरएस पोर्टल पर कई शिकायतें दर्ज कीं, लेकिन स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज कर दिया. संदिग्ध हत्यारे ने खलिहान, परती या ग्राम समाज की भूमि पर भी अतिक्रमण किया था। मुख्यमंत्री ने घटना को गंभीरता से लेते हुए गैरजिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

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कीन्हे दोषी पाया गया

गुरुवार को रुद्रपुर तहसील के एसडीएम और सीओ के अलावा 15 कर्मियों को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई। पूर्व प्रभारी निरीक्षक रुद्रपुर सुनील कुमार (उपनिरीक्षक) एवं तीन सिपाहियों को आईजीआरएस के निस्तारण में लापरवाही का दोषी पाया गया तथा तत्कालीन क्षेत्राधिकारी रुद्रपुर दिनेश कुमार सिंह यादव के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ की गयी।

पूर्व में निलंबित किए गए तहसीलदार अभय राज पर भी अतिरिक्त आरोप लगेंगे। मुख्यमंत्री ने आगे निर्देश दिया कि पूर्व एसडीएम राम विलास, ओम प्रकाश, ध्रुव शुक्ला और संजीव कुमार उपाध्याय के साथ-साथ सेवानिवृत्त तहसीलदार वंशराज राम और राजस्व निरीक्षक रामानंद पाल पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

भूमि विवाद के संबंध में एक पक्ष स्वर्गीय सत्य प्रकाश दुबे ने आईजीआरएस में ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जे की कई शिकायतें दर्ज कीं, जिन्हें पुलिस विभाग और राजस्व विभाग को ऑनलाइन भेज दिया गया। जांच के मुताबिक, समय-समय पर उठाई गई चिंताओं को दोनों एजेंसियों के संबंधित अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया।