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UP News: कोर्ट ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की जेल रिहाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। अब मधुमिता शुक्ला की बहन की अर्जी के बाद शीर्ष अदालत 2 महीने बाद इस केस पर सुनवाई करेगी। दरअसल, निधि ने अमरमणि के खिलाफ कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट की याचिका लगाई थी। बता दें कि शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मृतका के वकील बोले- जेल से रिहा करना गलत
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में मधुमिता शुक्ला की बहन का पक्ष रख रहे वकील ने कहा कि अमरमणि त्रिपाठी को अब जेल से रिहा करना गलत है। उन्होंने जेल से ज्यादा वक्त तो, अस्पताल के बेड पर काटा था। ऐसे में उनकी 20 साल की सजा कैसे पूरी हो गई। इस पर अदालत ने कहा कि हम यूपी सरकार से जवाब मांग रहे हैं। यदि आपके तर्कों में कुछ दम होगा तो अमरमणि को वापस जेल में भेज दिया जाएगा। शुरूआत में अमरमणि पर यूपी में ही केस चल रहा था, लेकिन एससी के निर्देश के बाद केस उत्तराखंड ट्रांसफर कर दिया गया।
कवयित्री मधुमिता की गोली मारकर की गई थी हत्या
आज से करीब 20 साल पहले राजधानी की पेपरमिल कॉलोनी में रहने वाली कवयित्री मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और मामले को देखते हुए इसकी सीबीआई को दी गई थी। जांच एजेंसी ने अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि को दोषी करार देते हुए अदालत में एक आरोप पत्र दाखिल किया था। इसके तत्कालीन बसपा सरकार में हड़कंप मच गया था। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने एक ही नजरिए में इस केस को भांप लिया था। साथ ही अमरमणि के प्रेम प्रसंग के बारे में उसके नौकर ने पहले ही पुलिस को बता दिया था।
मृतक महिला गर्भवती थी
मधुमिता त्रिपाठी की हत्या में आरोप सिद्ध होने के बाद अमरमणि का करियर खत्म हो गया था। बता दें कि लखीमपुर की मधुमिता वीर रस की कविताएं मंच पर पढ़ा करती थीं। एक कार्यक्रम के दौरान उनका संपर्क अमरमणि से हुआ। दोनों के बीच अवैध संबंध का सिलसिला शुरू हुआ। मधुमिता शुक्ला गर्भवती हो गईं। आरोप है कि अमरमणि ने कवियित्री को गर्भपात करने का दबाव बनाना शुरू किया। इसके बाद निशातगंज की पेपर मिल कॉलोनी में 9 मई, 2023 को 7 महीने की गर्भवती मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।