42 वर्षीय ऋषि सुनक ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनते ही इतिहास रच दिया है , वह पहले गैर-श्वेत व्यक्ति है जो ब्रिटेन के पीएम बने है … साथ ही ऋषि सुनक ने पहली बार हिंदू प्रधानमंत्री के तौर पर ब्रिटेन की सत्ता संभाली हैं। ऋषि सुनक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने पर भारत और भारतीय मूल के लोगों में उत्साह देखा जा रहा है और ये वाजिब भी है क्युकी भारत के लिए ये गर्व की बात है। वह पहले ऐसे भारतवंशी हैं, जो ब्रिटेन में इतने बड़े पद पर पहुंचे हैं।
अपनी मेहनत के बदौलत ये पद किया हासिल !
दोस्तों , भले ही ऋषि सुनक आज इतने बड़े पद पर हो लेकिन ये हासिल कर पाना उनके लिए इतना भी आसान नहीं था , इसके पीछे उनकी अपनी मेहनत है। अगर ऋषि सुनक के निजी जीवन की बात करे तो उनके पिता डॉक्टर और उनकी मां एक क्लीनिक चलाती थीं। ऋषि के दादा-दादी का जन्म पंजाब प्रांत में हुआ था। इस लिहाज से ऋषि की जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं। एक लम्बे सफर के बाद ब्रिटैन पहुंचे ऋषि के परिवारों ने बहुत म्हणत से वहा के समाज में अपने लिए जगह बनाई , हर दर्ज़े का नस्ल विरोधी व्यव्हार सहा , और पूरा ध्यान लगाया उस चीज़ पर जो उन्हें सबसे ऊपर उठा सकता था। और वो थी शिक्षा। ऋषि के माता पिता ने एक एक पैसा जोड़ा और तीनो बच्चो को बेहतरीन शिक्षा दिलाई। इन सबके अलावा ऋषि सुनक का परिवार अपनी हिन्दू पहचान पर भी कायम रहा।
कैसे हुई राजनीति की शुरुआत ?
ऋषि सुनक ने साल 2015 में पहली बार यूके की संसद में कदम रखा था। उन्हें यूके के सबसे अमीर सांसदों में से एक माना जाता है। वह ब्रेग्जिट का समर्थन करते थे, इस वजह से राजनीति में वह तेजी से आगे बढ़ने लगे। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री टेरिजा मे , की कैबिनेट में जूनियर मिनिस्टर का पद भी संभाला है , इसके साथ साल 2019 में बोरिस सरकार में ब्रिटेन के वित्त मंत्री भी रह चुके हैं।
चर्चिल ने भारतीयों के लिए की थी ये टिपण्णी !
दोस्तों एक बार यूके के प्रधानमंत्री रहे चर्चिल ने भारतीयों को अपनी लड़ाई में घसीटा था और भारत की आज़ादी पर टिपण्णी किया था कि” अगर उन्हें आज़ादी दे दी तो सत्ता धूर्त , बदमाश और लुटेरों के हाथ में चली जाएगी। एक वक़्त आएगा जब पानी की बोतल और रोटी के टुकड़े तक टैक्स से नहीं बच पाएंगे। सिर्फ हवा मुफ्त होगी और लाखो लोगो के खून का ज़िम्मा एटली के सिर पर होगा। ” लेकिन चर्चिल के इस टिपण्णी को हिंदुवंशी ऋषि सुनक ने यूके का पीएम बन बढ़िया जवाब दिया है।
भारत – ब्रिटेन के बीच संबंध ?
भारत और ब्रिटेन के बीच के संबंध की बात की जाए तो मुख्य मुद्दा एफटीए यानी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का है. भारत और ब्रिटेन के बीच 2030 तक 100 अरब डॉलर के निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने हैं. लिज ट्रस के छोटे से कार्यकाल के दौरान भी यह कार्य आधा लटका रहा. तो वही सुनक के पीएम चुने जाते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी तो 2030 के रोडमैप का जिक्र करना नहीं भूले.
क्या होता है एफटीए?
अब आपको ये बताते है की आख़िर क्या होता है ये एफटीए? एफटीए यानी मुक्त व्यापार समझौता या संधि अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार , सहयोगी देशों के बीच एक मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने के लिए किया जाने वाला करार होता है. यह दो प्रकार का होता है- द्विपक्षीय और बहुपक्षीय. द्विपक्षीय व्यापार समझौते तब होते हैं जब दो देश उन दोनों के बीच व्यापार प्रतिबंधों को ढीला करने के लिए सहमत हो जाते हैं. इसके जरिये आम तौर पर व्यापार के अवसरों का विस्तार किया जाता है. बहुपक्षीय व्यापार समझौते तीन या इससे ज्यादा देशों के बीच होते हैं. एफटीए के जरिये व्यापार की बाधाओं को कम करने या समाप्त करने के लिए टैरिफ और ड्यूटी को निर्धारित किया जाता है और इस प्रकार इससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहित किया जाता है.