वसुंधरा राजे ने गहलोत सरकार पर लगाया धर्म विरोधी होने का आरोप !

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार में लोगों की भावनाओं को कुचलने का सिलसिला थम नहीं रहा है।कभी प्रदेशवासियों की धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाई जाती है तो कभी परीक्षार्थी छात्रों के सपनो को रौंदा जाता है। उन्होंने कहा-अजमेर में 200 साल पुराने भगवान देवनारायण मंदिर की चारदीवारी को तोड़ कर इस सरकार ने फिर से अपनी धर्म विरोधी नीति जाहिर कर दी है। इस सरकार ने सालसर में राम दरबार और अलवर में प्राचीन शिव मंदिर को तोड़कर लोगों की आस्था का अपमान किया है। साथ ही परीक्षाओं के पेपर लीक करवा कर हमारे बच्चों के भविष्य को बिगाड़ने का प्रयास किया है।आखिर इस सरकार में यह सब कब रुकेगा।

ये युग न बाबर का है, न औरंगजेब का

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट कर कहा- आखिर कितनी बार जन आस्था पर हमला होगा? कितनी बार हिंदुओं के मंदिरों को तोड़ा जायेगा? गहलोत सरकार कान खोल कर सुन ले, कि ये युग न बाबर का है न औरंगजेब का। अगर तुरंत भगवान देवनारायण के मंदिर को पहुंची क्षति का समाधान नहीं हुआ, तो सरकार को बहुत भारी पड़ेगा।

तुष्टीकरण की राजनीति में अंधी हो चुकी गहलोत सरकार

विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति में अंधी हो चुकी गहलोत सरकार ने अजमेर स्थित भगवान श्री देवनारायण जी के 200 वर्ष पुराने मंदिर की चारदीवारी को तोड़कर फिर से जनमानस की धार्मिक आस्था पर हमला किया है। सुजानगढ़ में प्रसिद्ध सालासर धाम में राम दरबार को तोड़ना हो या अलवर में 300 साल पुराने शिव मंदिर पर बुलडोजर चलाना, कांग्रेस सरकार जानबूझकर नागरिकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कुकृत्य कर रही है। सरकार अपनी हरकतों से बाज आएं और धार्मिक उन्माद फैलाना बंद करें।

क्या है पूरा मामला

सोमवार की रात करीब 11.30 बजे राजस्थान के सार्वजनिक निर्माण विभाग ने भगवान देवनारायण मंदिर की चारदीवारी को अतिक्रमण बताते हुए तोड़ दिया था। समाज का दावा है कि यह मंदिर 200 साल पुराना है। जैसे ही यह सूचना लोगों को मिली, बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। सरकार और पीडब्ल्यूडी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। मंगलवार को महापंचायत बुलाने का फैसला लिया गया।  लोग का आरोप है कि गुर्जर समाज की भावनाएं आहत करने के लिए सरकार ने मंदिर की चार दीवारी तुड़वाई है।