उत्तराखंड के जोशीमठ को सोमवार को सरकार ने आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है। जोशीमठ और आसपास के इलाकों में कंस्ट्रक्शन बैन कर दिया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने रविवार को जोशीमठ को लेकर एक हाईलेवल मीटिंग की। केंद्र ने तुरंत लोगों को शिफ्ट करने का एक्शन प्लान तैयार किया।
एक्सपर्ट बोले- लैंडस्लाइड का रिस्क बड़ा
उत्तराखंड के जोशीमठ को सोमवार को सरकार ने आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है। जोशीमठ और आसपास के इलाकों में कंस्ट्रक्शन बैन कर दिया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने रविवार को जोशीमठ को लेकर एक हाईलेवल मीटिंग की। केंद्र ने तुरंत लोगों को शिफ्ट करने का एक्शन प्लान तैयार किया।
यहां 603 घरों में दरारें आई हैं। ज्यादातर लोग डर के चलते घर के बाहर ही रह रहे हैं। किराएदार भी लैंड स्लाइड के डर से घर छोड़कर चले गए हैं। अभी तक 70 परिवारों को वहां से हटाया गया है। बाकियों को हटाने का काम जारी है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे रिलीफ कैंप में चले जाएं।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर जानकारी ली। धामी ने बताया कि PM ने कई तरह के प्रश्न पूछे जैसे कितने लोग इससे प्रभावित हुए हैं, कितना नुकसान हुआ, लोगों के विस्थापन के लिए क्या किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
PMO से मीटिंग के दौरान एक्सपर्ट ने जोशीमठ में बड़े रिस्क की आशंका जाहिर की गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्लास्टिंग और शहर के नीचे सुरंग बनाने की वजह से पहाड़ धंस रहे हैं। अगर इसे तुरंत नहीं रोका गया, तो शहर मलबे में बदल सकता है। सुखवीर सिंह संधू ने कहा कि हमारी कोशिश है कि बिना किसी नुकसान के लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट कराया जाए। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक यह पता लगाने में लगे हैं कि लैंडस्लाइड को कैसे रोका जा सकता है। जल्द ही समाधान ढूंढ लिया जाएगा। इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाने शुरू कर दिए गए हैं, हालांकि अभी के हालात को देखते हुए लोगों को डेंजर जोन से निकालना ज्यादा जरूरी है।