राहुल गांधी यदि भारत जोड़ने काे लेकर सिंसियर (गंभीर) हैं ताे वे पाक अधिकृत कश्मीर को जोड़ें। भारत को जोड़ने में एक चीज शेष है, वो है पीओके यानी पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर। यह कहना है भाजपा की फायर ब्रांड नेता पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का।
उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कहा- इस यात्रा को पीओके तक ले जाइए। उसे जोड़कर ही वापस लौटिए, नहीं तो मत लौटिए… उधर ही रहिए। शराबबंदी काे लेकर कहा- लोग शराब नहीं, देशी गाय का दूध पीएं। मधुशाला नहीं, गौशाला खोलें। उन्होंने शराब नीति में बदलाव की भी बात कही है।
उमा ने सोमवार को नागपुर से सलकनपुर जाते हुए बैतूल में मीडियाकर्मियों से बात की। सबसे पहले उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा पर ही बात की। उन्होंने कहा- यह मीडिया को आकलन करना है कि भारत जोड़ो यात्रा कितनी सफल है। मुझे यही समझ नहीं आता कि भारत जोड़ना क्यों है? भारत टूटा कहां से है? जोड़ने की बात तब आएगी, जब वह टूटा हो। टूटा वह तब था, जब पाकिस्तान बना। कहें ताे राहुल गांधी के नाना के समय यह टूटा था।
मधुशाला नहीं… गौशाला
उमा ने आगे कहा- वे आज से नई बात कहना शुरू कर रही हैं। शराब नहीं, देशी गाय का दूध पीयो। मधुशाला से गौशाला की ओर चलो। मधुशाला बंद करो, गौशाला खोलते जाओ। वह गाय, जिन्हें किसान रखने में समर्थ थे, वह खत्म हो गए। चरवाहे नहीं बचे, गाय को बांधने की जगह नहीं रही। इन तीनों की व्यवस्था करनी पड़ेगी। गाय सहारा देती है बोझ नहीं बनती। ऑर्गेनिक खेती मध्यप्रदेश में तेजी से बढ़ी है। इसमें सरकार का योगदान रहा है, जितनी ऑर्गेनिक खेती बढ़ेगी, उतनी ही गाय की रक्षा बढ़ेगी।
उमा ने नई शराब नीति आने का भरोसा जताया
उमा ने जल्द ही मध्यप्रदेश में नई शराब नीति लागू होने का भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल जो नीति घोषित हुई थी। उसमें कई खामियां थीं। शिवराज सिंह चौहान का बड़प्पन था कि उन्होंने इसे खुलेआम स्वीकार किया। इसके बाद यह तय किया गया था कि वीडी शर्मा संगठन की तरफ से, शिवराज सरकार की तरफ से.. और मैं जनमानस की तरफ से परामर्श के लिए बैठेंगे। फिर नई शराब नीति आएगी, जिसमें नियंत्रित शराब वितरण प्रणाली होगी। उसमें खामी नहीं होगी। अभी कई खामियां हैं। जैसे अहातों में बैठकर पिलाना, धर्म स्थलों के पास शराब की दुकान होना, शिक्षालय से आधा किलोमीटर की दूरी पर शराब की दुकान हो, जो 5 बजे के बाद खुले। मजदूरों की बस्ती के पास शराब की दुकान नहीं होनी चाहिए। स्कूलों, अदालतों, अस्पतालों के पास भी शराब की दुकान नहीं होना चाहिए। वे इंतजार कर रही हैं कि परामर्श के लिए बैठक की जाए।
शराब माफिया की जेब में पुलिस-प्रशासन व नेता
उमा ने कहा, मैं वह हूं जो चाहूं तो शराब का नामोनिशान दुनिया से मिटा दूं, लेकिन मैं मान जाती हूं। गम खा जाती हूं। नियंत्रित वितरण प्रणाली हो। बिहार में शराबबंदी लागू है, लेकिन वहां जहरीली शराब से लोग मारे गए। जहरीली शराब का माफिया अलग है। इसका संबंध शराबबंदी से नहीं है। यह पनपता है। पुलिस-प्रशासन, नेता सब इसकी जेब में पड़े हैं। मैं चाहती हूं कि मध्यप्रदेश शराब नीति में मॉडल बन जाए। उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा कभी नहीं कहा कि उन्हें जान का खतरा है। इस देश में शराब माफिया, खनन माफिया और पॉवर जनरेशन माफिया… यह ऐसे महादैत्य हैं, जो देश को निगल जाने को आतुर हैं, लेकिन मोदी जी इसको समझते हैं। यही मेरे पीछे पड़ गए।