CM शिवराज सिंह चौहान ने PM Modi के लिए कह दी ये बात ……

भोपाल में आज वाटर विजन @ 2047 कॉन्फ्रेंस से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली जुड़े। कॉन्फ्रेंस की शुरुआत करते हुए PM ने पानी बचाने पर बात की। उन्होंने कहा, इंडस्ट्री और खेती दोनों सेक्टर्स में हमें पानी बचाने के लिए जागरूक करने की जरूरत है। ग्राम पंचायतें भी पानी को ध्यान में रखकर अगले 5 साल के लिए प्लान तैयार करें।

PM ने कहा, हमारी संवैधानिक व्यवस्था में पानी का विषय, राज्यों के नियंत्रण में आता है। जल संरक्षण के लिए राज्यों के प्रयास, देश के सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत सहायक होंगे। जल संरक्षण से जुड़े अभियानों में जनता को, सामाजिक संगठनों को, सिविल सोसाइटी को भी ज्यादा से ज्यादा साथ लेना होगा। जब किसी अभियान से जनता जुड़ी रहती है, तो उसे कार्य की गंभीरता भी पता चलती है। इससे जनता में किसी योजना या अभियान के प्रति सेंस ऑफ ऑनरशिप आती है। सेंस ऑफ ऑनरशिप सफलता की कुंजी है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, पीएम मोदी के रूप में हमें विजनरी लीडर मिले हैं। वो कल्पनाशील मस्तिष्क के धनी हैं। वो संकल्प लेते हैं और खुद को ही नहीं झोंकते, हम सबको भी झोंकने की कोशिश करते हैं। जिन विषयों पर कभी विचार नहीं होता था। आज उन पर विचार हो रहा है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत पानी के क्षेत्र में 16 हजार करोड़ का निवेश कर रहा है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा…

CM ने कहा, मध्यप्रदेश में 2003 के आसपास तक सिंचाई की कैपेसिटी 7500 लाख हेक्टेयर थी। हमारा राज्य कृषि प्रधान है। हमने सबसे पहले बांध बनाने पर काम किया। इससे सिंचाई का एरिया बढ़कर अब 45 लाख हेक्टेयर हो गई है। इसे 65 लाख हेक्टेयर तक ले जाने के लिए काम कर रहे हैं। पहले केवल प्रदेश के 14% घरों को नल से पानी मिलता था, अब 47% लोगों को नल से पानी दे रहे हैं।

मैंने लोगों को कहा- कुएं की सफाई में 5 हजार खर्च नहीं कर सकते…

शिवराज ने कहा- जब मैं पहली बार 90 में विधायक बना, तो मेरा खूब स्वागत हुआ। हमारे यहां भंडारे होते हैं। भंडारे में आसपास के गांवों के लोग बुलाए गए। मांग पत्र में मुझे लिखा कि हमारे गांव में पीने का पानी का एकमात्र स्रोत कुआं है। कुएं की सफाई कई साल से नहीं हुई। हमें गांव के कुएं की सफाई के लिए 5 हजार की मदद दें। मैंने पूछा कि भंडारे में कितना पैसा खर्च हो रहा है, तो लोग बोले- लाख-50 हजार रुपए। हमने कहा कि भंडारे में 1 लाख खर्च कर रहे हो, कुंए की सफाई में 5 हजार खर्च नहीं कर सकते।