एसीबी के नवनियुक्त कार्यवाहक डीजीपी हेमंत प्रियदर्शी की ओर से भ्रष्टाचार के आरोपियों और संदिग्धों के नाम-पहचान सार्वजनिक नहीं करने के आदेश पर विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सीएम गहलोत और कांग्रेस सरकार को जमकर घेरा है। राजस्थान के पूर्व गृहमंत्री और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने कहा- भ्रष्टाचारियों को छुपाने का षड़यंत्र इनडायरेक्ट रूप में सरकार करना चाहती है। दागी लोगों को समाज के बीच लाना ही चाहिए, जिससे उन्हें शर्म आए, अफसोस भी महसूस हो और जनता के मन में उनके लिए नफरत पैदा हो।
कांग्रेस नेताओं की ओर से मानवाधिकार आयोग के फैसले के इम्प्लीमेंटेशन की बात कहने के सवाल पर कटारिया बोले- मानवाधिकार आयोग का फैसला पहले वाली सरकार के सामने भी था और अभी वाली सरकार के सामने भी था। तो फिर एसीबी का डीजी चेंज होते ही और प्रियदर्शी जैसे पवित्र व्यक्ति के आ जाने के साथ ही कैसे अचानक ये ऑर्डर आ गया। कई फैसले भी हुए हैं, तो पहले से हुए हैं। लेकिन इस मुद्दे को आज तक किसी व्यक्ति ने चैलेंज नहीं किया। मैं सोचता हूं भ्रष्टाचारियों को छुपाने का षड़यंत्र इनडायरेक्ट रूप में सरकार करना चाहती है।
गुलाबचंद कटारिया बोले- निश्चित रूप से हमारी मांग है और मैं सोचता हूं कि दागी लोगों को समाज के बीच लाना ही चाहिए। जिससे उन्हें शर्म आए, अफसोस भी महसूस हो और जनता के मन में उनके लिए नफरत पैदा हो। भ्रष्टाचार के आरोपियों के खिलाफ लम्बी प्रक्रिया और सब तरह के सबूत इकट्ठे करने के बाद ही ट्रैप की कार्रवाई होती है। पहले ही दिन किसी को ट्रैप नहीं किया जाता है, जब तक रिकॉर्ड पर नहीं लिया जाता है। एक्शन नहीं होता है।
मुख्यमंत्री के इशारे पर ही ऑर्डर दिया
नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा- इतना बड़ा निर्णय सरकार की जानकारी के बिना अधिकारी कर लें, ये मुझे सम्भव नहीं लगता है। फैसला लेने के इतने घंटे बाद भी गृहमंत्री और मुख्यमंत्री एक शब्द नहीं बोलते हैं, इसका मतलब मुख्यमंत्री के इशारे पर ही ऑर्डर दिया गया है। हम रोज देख रहे हैं। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब अखबारों के पेज पर कोई ना कोई स्कैंडल नहीं खुलता हो। नाम-चेहरा उजागर करके ही भ्रष्टाचार करके लोगों से पैसे लेने की परम्परा के धन्धे को रोका जा सकेगा।
पूर्व गृहमंत्री बोले-भ्रष्टाचार के केस हमारे टाइम पर भी आते थे। परमिशन देने में हमारे वक्त में भी देरी होती थी, इसे मैं नकारता नहीं हूँ। लेकिन कम से कम उस भ्रष्ट व्यक्ति को उजागर करने में हमने किसी तरह की रोक नहीं लगाई। जो भ्रष्टाचारी ट्रैप होता है, जनता के बीच में उसका फेस लाना ही इस भ्रष्टाचार को रोकने में बहुत अहम फैसला होगा।
तुगलकी फरमान भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष और विधायक सतीश पूनिया ने कहा- जीरो टोलरेंस और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की बात कहने वाली अशोक गहलोत सरकार ने एक तुगलकी फरमान जारी किया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि यह आदेश भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला है। खुद मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में पब्लिक डोमेन में स्वीकार किया गया कि तबादलों के लिए रिश्वत ली जाती है।
सतीश पूनिया बोले-राजस्थान में एसीबी की कार्रवाई का जिक्र करें तो लगभग 600 मामले हर साल निशाने पर आते हैं। कांग्रेस शासन में कोई ऐसी जगह नहीं बची, जहां भ्रष्टाचार नहीं होता हो। ऐसा लगता है कि राजस्थान के पाताल से लेकर आकाश तक भ्रष्टाचार का बोलबाला है। एक आकलन है कि कांग्रेस सरकार के शासन में हर 12 किलोमीटर पर भ्रष्टाचार होता है। भ्रष्टाचार इस चरम पर है कि भ्रष्टाचार का मेन्यू कार्ड तक बना हुआ है, दबे सुर में अधिकारी भी इस बात को स्वीकार करते हैं।