रुड़की में जिस जगह क्रिकेटर ऋषभ पंत का एक्सीडेंट हुआ था, वहां NHAI की टीम के सर्वे के बाद गड्ढा भर दिया गया है। इसके अलावा ब्लैक स्पॉट और मिट्टी के टीले के आस-पास रेडियम साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं। जिससे कि रात में दूर से ही ब्लैक स्पॉट को देखा जा सके।
ब्लैक स्पॉट पर साइन बोर्ड और टीले के पास रेडियम इंडिकेटर लगाया
रुड़की में जिस जगह क्रिकेटर ऋषभ पंत का एक्सीडेंट हुआ था, वहां NHAI की टीम के सर्वे के बाद गड्ढा भर दिया गया है। इसके अलावा ब्लैक स्पॉट और मिट्टी के टीले के आस-पास रेडियम साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं। जिससे कि रात में दूर से ही ब्लैक स्पॉट को देखा जा सके। रुड़की के गुरुकुल नारसन में NH-58 पर 30 दिसंबर की सुबह पंत का एक्सीडेंट हुआ था। इसकी वजह एक गड्ढा और सड़क पर बना मिट्टी का टीला था।
30 दिसंबर की सुबह करीब 5:15 बजे क्रिकेटर ऋषभ पंत रुड़की में अपने घर आ रहे थे। घर से करीब 10 किलोमीटर पहले गुरुकुल नारसन चौकी के सामने एक ब्लैक स्पॉट के चलते वे हादसे का शिकार हो गए। उन्हें गंभीर चोटें आईं। वे हॉस्पिटल में भर्ती हैं। फिलहाल उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
कार करीब 150 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चल रही थी। ऋषभ को अंधेरे में गड्ढा दिखाई नहीं दिया और कार के गड्ढे में पड़ने से वह असंतुलित हो गई। कार 200 मीटर तक घिसटते हुए एक डिवाइडर से टकराई। फिर करीब 5 फीट ऊपर उछल कर दूसरी सड़क पर पहुंच गई। मर्सिडीज वहां से भी करीब 50 मीटर दूर तक घिसटती गई। फिर पोल से टकराने के बाद कार में आग लग गई। किसी तरह ऋषभ कार से बाहर निकल सके।
स्थानीय लोगों के मुताबिक कट और ब्लैक स्पॉट के चलते इस जगह महीने में 7-8 एक्सीडेंट होते हैं। इनमें कई लोगों की जान भी चली जाती है। इतने एक्सीडेंट के बाद भी प्रशासन ने इसे ठीक नहीं कराया था। जब पंत का एक्सीडेंट हुआ, तो प्रशासन अलर्ट हुआ। अगले दिन यानी 1 जनवरी को राजधानी देहरादून से लेकर दिल्ली तक की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।