जानें क्या है पूरा मामला
आपको बता दें मौद्रिक नीति समिति की इमरजेंसी बैठक जो आम तौर पर 5 से 7 दिसंबर के बीच बुलाई जाती है उसे आपातकालीन रूप से 3 नवंबर को बुलाया गया है।
क्या हो सकता है फैसला
सूत्रों की मानें तो इस बैठक में खुदरा महंगाई 6 फीसदी से अधिक बने रहने पर सरकार को भेजे जाने वाले जवाब पर चर्चा होने की संभावना है। वहीं कुछ जानकारों का मानना है की इस अहम बैठक में आरबीआई महंगाई को काबू करने के लिए सख्त फैसले लेते हुए एक बार ब्याज दरों में और बड़ी बढ़ोतरी कर सकता है।
उनका ऐसा मानना इसलिए है क्योंकि आरबीआई की पिछली मौद्रिक समिति की बैठक जो 28 से 30 सितंबर 2022 को बुलाई गई थी उसमे एमपीसी ने 30 सितंबर, 2022 को नीतिगत रेपो दर को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 5.9% कर दिया था, जिससे सभी तरह के लोन महंगे हो गए थे।