अगले साल होने जा रहे लोकसभा और उससे पहले 10 राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा NDA का कुनबा बढ़ाने की दिशा में बढ़ सकती है। वैचारिक विरोध के बावजूद मोदी सरकार के विकास के एजेंडे पर राजी दलों को गठबंधन में लाने की सहमति पार्टी में बनी है। जिन राज्यों में पार्टी अभी मजबूत स्थिति में नहीं है वहां स्थानीय दलों से गठबंधन से परहेज नहीं होगा।
विकास से सहमत विरोधी दलों को साधने पर जोर
अगले साल होने जा रहे लोकसभा और उससे पहले 10 राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा NDA का कुनबा बढ़ाने की दिशा में बढ़ सकती है। वैचारिक विरोध के बावजूद मोदी सरकार के विकास के एजेंडे पर राजी दलों को गठबंधन में लाने की सहमति पार्टी में बनी है। जिन राज्यों में पार्टी अभी मजबूत स्थिति में नहीं है वहां स्थानीय दलों से गठबंधन से परहेज नहीं होगा।
BJP महामंत्रियों की बैठक में NDA के मौजूदा और भावी सहयोगियों पर मंथन किया गया। 10 राज्यों में इस साल होने वाले चुनाव को लेकर भी बातचीत हुई। सूत्रों ने कहा, भाजपा मिशन दक्षिण को सफल बनाने के लिए गठबंधन की शर्तों को उदार करेगी। खासकर पुराने सहयोगियों से गठबंधन में।
आंध्र प्रदेश में तेलगु देशम पार्टी (TDP), अभिनेता पवन कल्याण की जनसेना को सहयोगी बनाने को लेकर भी चर्चा हुई। माना जा रहा है कि TDP से गठबंधन कर BJP आंध्र में अपनी पैठ मजबूत कर सकती है। उसका फोकस तेलंगाना पर है ऐसे में BRS (पहले TRS) से मुकाबले के लिए यदि TDP को साथ लेना पड़े तो BJP इससे परहेज नहीं करेगी।
उत्तर-पूर्व के चार राज्यों में चुनाव हैं। यहां त्रिपुरा में BJP की सरकार है जबकि नागालैंड, मिजोरम और मेघालय में गठबंधन की सरकार है। इन तीनों राज्यों में गठबंधन के मौजूदा घटक दलों के साथ तालमेल बेहतर करने और नए सहयोगियों को जोड़ने की रणनीति बनाई गई। पार्टी के एक बड़े नेता कहते हैं कि BJP, खुद से गठबंधन की पहल नहीं करेगी चूंकि पार्टी खुद मजबूत स्थिति में है।