सूचना और जनसंचार विभाग यूपी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि दुनिया के सबसे लंबे क्रूज पर्यटन को प्रधानमंत्री 13 जनवरी को हरी झंडी दिखाएंगे। प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। जलयान के स्वागत में बैलून महोत्सव का भी आयोजन किया जा सकता है। डिब्रूगढ़ से चले गंगा विलास जलयान को काशी तक पहुंचाने के लिए तीन पीपा पुलों को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है।
वाराणसी से बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ की यात्रा पर जाने वाला क्रूज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निगरानी में रवाना होगा। सूचना और जनसंचार विभाग यूपी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि दुनिया के सबसे लंबे क्रूज पर्यटन को प्रधानमंत्री 13 जनवरी को हरी झंडी दिखाएंगे। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पीएम क्रूज को वर्चुअल हरी दिखाएंगे या उनका वाराणसी आगमन होगा। स्थानीय प्रशासन की ओर से प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क किया जा रहा है।
प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। जलयान के स्वागत में बैलून महोत्सव का भी आयोजन किया जा सकता है। डिब्रूगढ़ से चले गंगा विलास जलयान को काशी तक पहुंचाने के लिए तीन पीपा पुलों को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। जहाजों के सुगम यातायात के लिए वाराणसी से डिब्रूगढ़ के बीच टर्मिनल बनाया गया है। जलमार्ग प्राधिकरण के उपाध्यक्ष जयंत सिंह के मुताबिक गंगा विलास वाराणसी के पर्यटन को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा।
नदी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोलकाता से 22 दिसंबर 2022 को 32 स्विस पर्यटकों को लेकर रवाना हुआ जलयान छह जनवरी 2023 को वाराणसी पहुंचेगा। ये स्विस पर्यटक सात से 10 जनवरी तक वाराणसी के पर्यटन स्थलों का भ्रमण करेंगे। पर्यटकों के स्वागत के लिए रामनगर टर्मिनल के अलावा विकल्प के तौर पर रविदास घाट व नमो घाट पर कार्यक्रम कराने की तैयारी है।
भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण (भाअजप्रा) के अधिकारियों के मुताबिक, वाराणसी-गाजीपुर-मझऊआं-बाढ़ जलमार्ग को पटना-फरक्का जलमार्ग की तर्ज पर विकसित करने की योजना है। इस जलमार्ग के शुरू हो जाने पर पूर्वांचल के बाजार की पहुंच दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से हो जाएगी। इस मार्ग से व्यापारी गतिविधियां तेज होने से किसानों और व्यापारियों को फायदा होगा।