Nehru की वो गलतियां
Jawaharlal Nehru जिन्हें भारी विरोध के बावजूद स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बनने का सौभाग्य मिला. और उनके किए कामों को सराहा भी जाता है. लेकिन अपने शासन में उन्होंने कुछ ऐसी ग़लतियाँ भी की जिन्हें भारत आज भी भुगत रहा है. आज के हमारे इस लेख में हम आपको जवाहर लाल नेहरू द्वारा की गयी ऐसी ही 5 सबसे बड़ी गलतियों के बारे में बताएंगे।
1- पंचशील समझौता
जवाहरलाल नेहरू की सबसे पहली गलती जो थी वो था पंचशील समझौता. 1953 में जब चीन ने तिब्बत पर जबरन कब्जा किया था. उस समय नेहरू चीन से दोस्ती के लिए बहुत ज़्यादा उत्सुक थे. नेहरू ने चीन के साथ पंचशील समझौता किया और इस समझौते के साथ ही भारत ने तिब्बत को चीन का हिस्सा मान लिया था. नेहरू ने चीन से दोस्ती की खातिर तिब्बत को भरोसे में लिए बिना उसपर चीन के कब्जे को मंजूरी दे दी और साल 1962 में जब युद्ध हुआ तो चीनी सैनिक इसी रास्ते से भारत के अंदर घुस आए थे.
2- नेपाल का भारत में विलय
उनकी दूसरी सबसे बड़ी गलतियों में से एक थी भारत और नेपाल के विलय को मन करना। दरअसल साल 1952 में नेपाल के राजा त्रिभुवन विक्रम शाह चाहते थे कि नेपाल का विलय भारत में हो जाए और नेपाल भारत का एक राज्य बन जाए. लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इस प्रस्ताव को ये कह कर ठुकरा दिया था कि दोनों देशों के विलय से फायदा कम और नुकसान ज़्यादा होगा, अगर आज नेपाल भारत का हिस्सा होता तो चाइना नेपाल के ज़रिए भारत को कभी भी ब्लैकमेल नहीं कर पाता.
3- अमेरिका की तरफ से भारत को UN का सदस्य बनाने के प्रस्ताव को ठुकराना
तीसरी सबसे बड़ी गलती जो पंडित नेहरू ने की थी वो थी अमेरिका के तरफ से भारत को UN का सदस्य बनाने के प्रस्ताव को ठुकरा देना. साल 1953 में अमेरिका ने भारत को स्थाई UN का सदस्य बनाने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन जवाहरलाल नेहरू ने अमेरिका के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और चीन को UN का सदस्य बनाने की वकालत की थी. उसी की देन है कि आज UN में चीन भारत के लिए समस्याएं खड़ी करता रहता है. पंडित नेहरू के अमेरिका के इस प्रस्ताव को ठुकरा देने के बाद भारत लगातार कोशिशें कर रहा है लेकिन आज तक UN का सदस्य नहीं बन पाया. जो कि साल 1953 में आसानी से बन सकता था.
4- कोको आइलैंड
पंडित नेहरू की चौथी बड़ी गलती जिसे भारत आज भी भुगत रहा है वो है कोको आइलैंड कोको आइलैंड भारत का हिस्सा था, जो कोलकाता से करीब 1000 किलोमीटर की दूरी पर था. इंडिपेंडेंस बिल में अंडमान निकोबार द्वीप समूहों को भारत में रखा गया लेकिन जवाहर लाल नेहरू ने इस आइलैंड को तौफ़े के रूप में बर्मा को दे दिया और बाद में बर्मा ने इस आइलैंड को चीन को तौफ़े में दे दिया. अब यही वो आइलैंड है जिससे चीन भारत को आँखें दिखाता है.
5- कश्मीर मुद्दा
पांचवी सबसे बड़ी गलती जो नेहरू ने की वो था कश्मीर का मुद्दा. जब 1947 में भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ वैसे ही पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला कर दिया. कश्मीर को अपने कब्ज़े में करने की कोशिश की लेकिन कश्मीर के राजा हरि सिंह ने भारत के साथ रहने में ही अपनी भलाई समझी. पाकिस्तान को ये बात नागवार गुजरी जिसके बाद भारत पाकिस्तान में युद्ध हुआ. युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को हरा दिया. लेकिन नेहरू ने ये ऐलान कर दिया कि कश्मीर की इस समस्या का फैसला UN में होगा. इसका फैसला आज तक नहीं हो पाया, आज भी भारत नेहरू की इस सबसे बड़ी गलती को भुगत रहा है