आखिर क्या है Narendra Modi का चुनावी रणनीति जिसका रास्ता मंदिर से होकर गुजरता है

    पहले अयोध्या में भव्य राम- मंदिर और अब आबूधाबी में भव्य मंदिर। ये कोई संयोग नहीं बल्कि योजनाबद्ध तरीके से किया गया अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के एक महीने के अंदर आबूधाबी में बने हिंदू मंदिर का शुभारंभ का योग बना। जबकि ये दोनों ही कार्यक्रमों पर पुरे विश्व की नज़र थी.

    जिस स्वामी नारायण संप्रदाय ने आबूधाबी का मंदिर बनाया है उसके संस्थापक अयोध्या से सटे स्वामी नारायण छपिया के रहने वाले थे। आम आदमी इस संप्रदाय की जड़ें गुजरात में जानता है, जबकि आज भी अयोध्या से सटे उस स्थान पर देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, जहाँ से इस संप्रदाय की शुरुआत हुई है।

     

    जिस तरीके से अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण को भारतीय जनता पार्टी ने अपने खाते में रखा, ठीक उसी तरीके से पीएम ने आबूधाबी के अपने सम्बोधन में वहां के हिंदू मंदिर के लिए भी जमीन मांगने की चर्चा उन्होंने की।