नहीं रहीं मोदी को PM मोदी बनाने वाली मां

    कुर्सी पर बैठी मां के नीचे बैठकर पैर धोना, मां द्वारा बेटे का माथा चूमना, ममता लुटाना, सिर पर हाथ फेरकर आशीर्वाद देना, बेटा भले ही देश का प्रधानमंत्री हो लेकिन मां का उसको शगुन भेंट करना… हम बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां हीराबेन की। हीराबा का 30 दिसम्बर को निधन हो गया। वे 99 साल की थीं और 100वें साल में प्रवेश कर चुकीं थीं। हीराबा ने अहमदाबाद के यूएन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में तड़के 3:30 बजे अंतिम सांस ली। 27 दिसम्बर की देर रात सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। PM मोदी ने TWEET कर हीराबा के निधन की जानकारी दी।

     

     

    मोदी ने मां को मुखाग्नि दी

    ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।’
    मां तो वैसे भी ममता की मूरत होती हैं, वात्सल्य की सूरत होती हैं। हीराबेन मोदी ने 18 जून 2022 को ही अपना 99वां जन्मदिन मनाया था। मां के जन्मदिन के दिन पीएम मोदी सुबह-सुबह उनसे मिलने गांधीनगर पहुंचे थे और उनसे मुलाकात की थी। इस मौके पर PM मोदी ने मां को याद करते हुए एक भावुक BLOG भी लिखा था जिसमें अपने जीवन पर मां के प्रभाव और उनकी अहमियत को बयां किया था। गौरतलब है कि इस BLOG को PM ने अपने TWITTER HANDLE पर शेयर किया था, जिस पर उनकी वेबसाइट Narendramodi.in का लिंक भी है, जहां इसे जस का तस पढ़ सकते हैं।

    बच्चे पढ़-लिख सकें इसलिए हीरा बा दूसरों के घरों में बर्तन साफ करती थीं। मां हीराबेन ने PM मोदी को एक बार कहा था कि कुछ तो अच्छा काम कर रहे हो तुम, लोग तुम्हें पहचानते हैं। एकता यात्रा में जब मोदी, श्रीनगर के लाल चौक पहुंचे थे तो मां बेचैन हो गईं थीं क्योंकि उस यात्रा के दौरान फगवाड़ा में एक हमला हुआ था जिसमें कुछ लोग मारे भी गए थे। एक बार तो मां ने प्रधानमंत्री मोदी को ये तक कह दिया था कि “देख भाई, मैं तो निमित्त मात्र हूं। तुम्हारा मेरी कोख से जन्म लेना लिखा हुआ था। तुम्हें मैंने नहीं, भगवान ने गढ़ा है।” PM ने अपने ब्लॉग में ये भी लिखा है कि ‘मैंने जब घर छोड़ने का फैसला किया, तो उसे भी मां, कई दिन पहले ही समझ गईं थीं।

    मां और बेटे का रिश्ता सभी रिश्तों से ऊपर है। इसलिए पूरे देश ने इस रिश्ते की कद्र की। माँ हीराबेन के निधन के बाद कई दिग्गज नेताओं ने TWEET कर शोक जताया। PM मोदी 28 दिसम्बर को ही अपनी माँ का हालचाल जानने अहमदाबाद पहुँचे थे। इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों से माँ की तबीयत और इलाज के बारे में जानकारी ली थी पर प्रधानमंत्री को ये नहीं पता था कि वे आखिरी बार अपनी मां को जीवित देख रहे हैं।