जानें क्या है पूरा मामला
आपको बता दें की आज Manipur के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह चुराचांदपुर जिले के न्यू लमका इलाके में एक जिम और खेल सुविधा केंद्र का उद्घाटन करने आने वाले थे लेकिन इस कार्यक्रम के पहले ही कल देर रात करीबन 9 बजे कुछ असमाजिक तत्वों ने सभा स्थल पर जमकर तोड़फोड़ कर स्थल को आग के हवाले कर दिया। सूत्रों की मानें तो प्रदर्शनकारी हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा आरक्षित और संरक्षित वन क्षेत्रों का सर्वे कराने के आदेश से नाराज थे. दरअसल प्रदर्शनकारियों ने इस आदेश को गलता बताते हुए प्रदेश सरकार पर चर्चों को तोड़ने का आरोप लगाया था.
Manipur हमले के बाद बड़ी सभा पर प्रतिबंध लगाने का लिया गया निर्णय
वहीं कल रात हुइ इस हिंसक घटना के बाद Manipur के चुराचंदपुर जिले के ADM एस थिएनलाटजॉय गंगटे ने बयान जारी करते हुए कहा है की जिले में शांति भंग होने की आशंका और संपत्ति के लिए गंभीर खतरे को देखते हुए बड़ी सभा पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि प्रशासन द्वारा आज होने वाले CM कार्यक्रम को लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं आयी है.
अनुविभागीय अधिकारी ने 2020 में ही Manipur के इन अवैध चर्चों को भेजी थी नोटिस
दरअसल आपको बात दें की ये घटना अचानक से नहीं हुई है इस घटना की तार जुडी है 24 दिसंबर, 2020 से जब पोरोमपत के अनुविभागीय अधिकारी सनौजम सुरचंद्र सिंह ने एक बेदखली नोटिस जारी कर दवा किया था कि कुछ लोगों द्वारा13 स्थानों पर चर्च और गैरेज बनाकर सरकारी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। इसके बाद इस नोटिस को लेकर Manipur में जमकर प्रदर्शन देखा गे था यही नहीं आपको बात दें की साल 2021 में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर ने सरकार को चिट्ठी लिखकर पूर्वी इम्फाल की आदिवासी कॉलोनी में बने 8 चर्चों को खाली कराने के आदेश को वापस लेने की मांग भी की थी।