लोन फ्रॉड मामले में चंदा और दीपक कोचर को जमानत

    बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को लोन फ्रॉड मामले में राहत दी है। कोर्ट ने कहा कि दोनों की गिरफ्तारी कानून के अनुसार नहीं थी। दोनों ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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    बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं

    बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को लोन फ्रॉड मामले में राहत दी है। कोर्ट ने कहा कि दोनों की गिरफ्तारी कानून के अनुसार नहीं थी। दोनों ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

    CBI ने चंदा और दीपक दोनों को 23 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद वीडियोकॉन ग्रुप के फाउंडर वेणुगोपाल धूत को धूत को 26 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया। तीनों को 10 जनवरी तक 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया था।

    कोचर दंपती की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पीके चव्हाण की बेंच ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (CrPC) के सेक्शन 14A के उल्लंघन में की गई है।

    इस सेक्शन में कहा गया है कि पुलिस अधिकारी को गिरफ्तारी से पहले एक नोटिस भेजना चाहिए। हाईकोर्ट ने एक-एक लाख रुपए की जमानत राशि पर दोनों को रिहा करने का आदेश दिया। आरोप है कि जब चंदा कोचर ने देश के बड़े प्राइवेट बैंकों में से एक ICICI बैंक की कमान संभाली तो वीडियोकॉन की विभिन्न कंपनियों के नियमों को ताक पर रखकर कुछ लोन मंजूर किए। 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप की कंपनियों के 6 अकाउंट के मौजूदा बकाया को डोमेस्टिक डेट रिफाइनेंसिंग के तहत स्वीकृत 1,730 करोड़ रुपए के लोन में एडजस्ट किया था।