गुजरात में AIMIM ने चुनाव लड़ने की घोषणा की है। AIMIM के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद राज्य की उन सीटों को लेकर चर्चा तेज हो गई है जहां पर मुस्लिम मतदाता उम्मीदवार ज्यादा हैं।
पहली बार गुजरात में किस्मत आजमा रही AIMIM
गुजरात विधानसभा चुनाव में AIMIM पहली बार चुनाव लड़ रही है। एआईएमआईएम दलित और मुस्लिम वोटों पर मुख्य फोकस कर रही है। AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी मई से अक्सर गुजरात का दौरा कर रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी को यकीन है कि गुजरात की जनता इस बार बदलाव चाहती है।
40 से 45 सीटों पर उतारेगी प्रत्याशी
AIMIM गुजरात राज्य की कुल 182 विधानसभा सीटों में से 40-45 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है। इनमें से उसने अब तक अहमदाबाद की तीन और सूरत की दो सीटों के लिए प्रत्याशी उतारा है। इनमें पांच में से चार पहली बार के प्रतियोगी हैं।
34 विधानसभा में मुस्लिम आबादी 15 प्रतिशत से ज्यादा
गुजरात में मुस्लिम आबादी बेशक कम हो लेकिन 34 विधानसभा क्षेत्रों में, मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 15 प्रतिशत से भी ज्यादा है। गुजरात में 20 विधानसभा क्षेत्र हैं जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 20 प्रतिशत से ज्यादा है। इन 20 सीटों में से चार अहमदाबाद जिले में हैं जबकि तीन-तीन भरूच और कच्छ जिले में हैं।
मुस्लिम और दलित वोटर्स निभा सकते हैं अहम् भूमिका
इन आंकड़ों को देख कर कोई भी कह सकता है कि गुजरात में कई सीट पर मुस्लिम वोटर्स उम्मीदवार की जीत और हार तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या मुस्लिम वोटर्स ओवैसी की पार्टी को वोट देंगे या नहीं? अगर मुस्लिम वोटर्स का वोट ओवैसी की पार्टी को मिलती है तो ये सीधे तौर पर उनके उम्मीदवार की जीत में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।