बिलकिस मामले की सुनवाई फरवरी तक टली, सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बेला त्रिवेदी दूसरी बार केस से हटीं

    बिलकिस बानो गैंगरेप केस के 11 दोषियों को दी गई छूट के खिलाफ नई याचिकाएं दायर की गईं। जिनकी सुनवाई फरवरी तक टल गई है। मामला सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच में पहुंचा था। जहां जस्टिस बेला त्रिवेदी ने एक बार फिर खुद को इस मामले से अलग कर लिया।

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    बिलकिस ने दाखिल की थीं दो याचिकाएं

    बिलकिस बानो गैंगरेप केस के 11 दोषियों को दी गई छूट के खिलाफ नई याचिकाएं दायर की गईं। जिनकी सुनवाई फरवरी तक टल गई है। मामला सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच में पहुंचा था। जहां जस्टिस बेला त्रिवेदी ने एक बार फिर खुद को इस मामले से अलग कर लिया।

    गौरतलब है कि जस्टिस बेला त्रिवेदी ने पिछले महीने भी बानो की पुनर्विचार याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। बेंच ने यह भी कहा- सामाजिक कार्यकर्ताओं की तरफ से दाखिल याचिकाओं को भी पीड़ित बिलकिस की याचिका के साथ सुना जाएगा।

    याचिकाएं माकपा की पूर्व नेता सुहाषिनी अली ने, जबकि दूसरी याचिका TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने दायर की हैं। इनमें दावा किया गया है कि जब मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा की गई थी, तो गुजरात सरकार, केंद्र सरकार की अनुमति के बिना छूट देने की स्थिति में नहीं थी। बावजूद इसके दोषी कैसे रिहा किए गए।

    बिलकिस बानो ने 30 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की थीं। पहली याचिका में 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए उन्हें तुरंत वापस जेल भेजने की मांग की थी। वहीं, दूसरी याचिका में कोर्ट के मई में दिए आदेश पर फिर से विचार करने की मांग की थी, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि दोषियों की रिहाई पर फैसला गुजरात सरकार करेगी। इस पर बिलकिस ने कहा कि जब केस का ट्रायल महाराष्ट्र में चला था फिर गुजरात सरकार फैसला कैसे ले सकती है?