टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में पाकिस्तान पर इंग्लैंड की जीत के बाद क्रिकेट वर्ल्ड में नई बहस छिड़ गई है। अब दुनिया भर के क्रिकेट एक्सपर्ट वाइट बॉल (टी-20 और वनडे) और रेड बॉल (टेस्ट) के लिए अलग-अलग टीम और कोचिंग स्टाफ की तरफदारी कर रहे हैं।
टीम इंडिया में बदलाव की ज़रूरत
टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में पाकिस्तान पर इंग्लैंड की जीत के बाद क्रिकेट वर्ल्ड में नई बहस छिड़ गई है। अब दुनिया भर के क्रिकेट एक्सपर्ट वाइट बॉल (टी-20 और वनडे) और रेड बॉल (टेस्ट) के लिए अलग-अलग टीम और कोचिंग स्टाफ की तरफदारी कर रहे हैं। इंग्लैंड ने पिछले कुछ सालों से वाइट और रेड बॉल के लिए अलग-अलग कप्तान और कोच नियुक्त किए हैं। जॉस बटलर टी-20 और वनडे कप्तान हैं। जबकि मैथ्यू मोट कोच हैं। वहीं बेन स्टोक्स टेस्ट टीम के कैप्टन हैं और ब्रेंडन मैकुलम कोच हैं।
टीम इंडिया के पूर्व कोच अनिल कुंबले भी भारत में टेस्ट और लिमिटेड ओवर (टी-20 और वनडे)) के लिए अलग-अलग टीमों के फेवर में हैं। उन्होंने एक क्रिकेट वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा है कि अब समय आ गया है कि भारत में भी टेस्ट और लिमिटेड ओवर की टीमें पूरी तरह से अलग-अलग हों। अब समय आ गया है कि टी-20 में टी-20 स्पेशलिस्ट हों और आपकी टीम में ज्यादा से ज्यादा ऑलराउंडर हों। कुंबले ने कहा – टी-20 वर्ल्ड कप की इस बार की विजेता और पिछले बार की विजेता ऑस्ट्रेलिया टीम को देखें तो दोनों ही टीमों में ऑलराउंडर की भरमार है। इंग्लैंड टीम में 7वें नंबर पर लियाम लिविंगस्टोन बल्लेबाज़ी करने आते हैं तो ऑस्ट्रेलिया में मार्कस स्टोइनिस छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते के लिए आते हैं।