चीटियां इसीलिए हमेशा एक ही लाइन में चलती है ? जानें वज़ह।

    हमारी दुनिया अजब गजब रोचक तथ्यों से भरी पड़ी है. और आज हम आपको ऐसे ही कुछ रोचक तथ्य को बताने वाले है. जिसे आपने कभी न कभी जरुर सोचा होगा कि आखिर ऐसा क्यों होता है. जैसे की सूरज निकलने से पहले ही क्यों फासी दी जाती है ? ब्लेड के बीच में आकार एक ही जैसा क्यों होता है ? चीटिया आखिर एक ही लाइन में क्यों चलती है ? तो चलिए शुरू करते है.

    सबसे महंगा हिरा कौन सा है और कहां है ?

    हिरा सभी रत्नों में सर्व श्रेस्ठ माना जाता है. और यही वजह है की इसकी कीमत भी बाकी सभी रत्नों से अधिक होती है. दुनिया में ऐसे कई हीरे है. जिनकी कीमत अरबो में है. पर ऐसा एक हिरा भी है जो दुनिया का सबसे महंगा हिरा है. जिसका नाम है. पिंक स्टार, पिंक स्टार दुनिया के दुर्लभ हीरो में से एक है. जो की तक़रीबन 60 कैरेट का है. यह हिरा अंडे के आकार का है. साल 2017 में होन्ग कोंग में हुई नीलामी में यह गुलाबी रंग का हिरा रिकॉर्ड तोड़कर. चार सौ 62 करोड़ रुपये में बिका था. यह सबसे महंगे हीरो के बिक्री का एक विश्व रिकॉर्ड था.

    चीटिया हमेशा एक ही लाइन में क्यों चलती है ?

    प्रयावरण का संतुलन बनाये रखने के लिए भगवान ने छोटे बड़े हर तरह के जीव जंतु बनाये है. इनमे से एक चीटी भी है. आप ने अक्सर देखा होगा. की चीटिया हमेसा एक ही लाइन में चलती है. क्या आप जानते है की ऐसा क्यों होता है. नहीं पता है तो चलिए हम बताते है की इसके पीछे ऐसा कौन सा रहस्य छुपा हुआ है. की चीटिया एक ही लाइन में चलतीं हैं. वैसे तो चीटियों की आँखे होती है. लेकिन वो सिर्फ दिखावे के लिए होती है. उनमे से वो देख नहीं सकती है. खाने की तलास में जब ये चीटिया बाहर निकलती है. तो उनकी रानी रास्ते में फेरुवानस नाम का एक रसायन छोड़ते हुए जाती है. जिसकी गंध को सुघते हुए बाकी चीटिया भी उसके पीछे चलने लगती है. जिससे एक लाइन बन जाती है.

    ब्लेड के बीच का आकार एक जैसा क्यों होता है ?

    मर्दों के लिए ब्लेड एक बहुत ही उपयोगी चीज है. बता दे सबसे पहले gillate ने ब्लू gillate नाम से उत्पादन किया था. जो मर्दों के लिए उनके सेव करने की समस्या का एक हमेसा का इलाज बन गया था. मर्दों की सेविंग करने से लेकर बाल कटवाने तक के लिए ब्लेड का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है. की ब्लेड का एक ही जैसा डिज़ाइन क्यों बनाया जाता है. ब्लेड के आबिस्कार के पीछे बड़ी ही दिलचस्प कहानी है. साल 1901 में gillate कंपनी के संस्थापक किंग कैप gillate ने अपने सहयोगी विलियम निकल्सन के साथ मिलकर ब्लेड का खास डिज़ाइन तैयार किया था. इसी साल ब्लेड के डिज़ाइन को पेटेंट कराया गया. 1904 के समय gillate ने पहली बार 165 ब्लेड बनाये थे. उस समय gillate ब्लेड सेविंग के लिए ही बनाये जाते थे. उनकी डिज़ाइनिंग इस तरह से की जाती थीकी वे सेविंग करने वाले gillate में बोल्ट के साथ फिट किया जा सके. इसलिए उसके बीच में खली स्पेस छोड़ दिया जाता था. ताकि इसकी कैप की फिटिंग एक समान रहे और इस्तेमाल करने वालो को हर कंपनी के ब्लेड के साथ उसका कवर न खरीदना पड़े…

    फासी सूरज निकलने से पहले क्यों दी जाती है ?

    हम सभी ने फिल्मो और असल जीवन में देखा है. की किसी भी अपराधी को सुबह के समय फ़ासी दी जाती है. लेकिन कभी आपने सोचा है की आखिर क्यों फासी की सजा सभी को सुबह ही दी जाती है. हालाँकि जल्लाद किसी भी फासी वाले को कान में जाकर क्या कहता है. फासी से पहले जेल प्रशाशन उसकी आखिरी ख्वाइश पूछता है. हालाँकि कैदी की ख्वाइश जेल के मेनवल के तहत हो तभी पूरी की जाती है. फासी देने से पहले जल्लाद कहता है की मुझे माफ़ कर दिया जाय हिन्दू भाइयो को राम -राम मुसलमान भाइयो को सलाम हम क्या कर सकते है. हम तो सिर्फ हुकुम के गुलाम है. फासी देने के 10 मिनट तक अपराधी को लटके रहने दिया जाता है. इसके बाद docter की एक टीम ये चेक करती है.की उसकी मौत हुई है या नहीं. मौत की पुष्टि हो जाने के बाद ही अपराधी को निचे उतारा जाता है. फासी देने का समय सुबह इसलिए मुकर्रर किया जाता है. क्युकी जेल नियमावली के तहत जेल के सभी कार्य सूर्य उदय के बाद किये जाते है. और फासी के कारण जेल के सभी कार्य प्रभावित न हो इसलिए सुबह- सुबह कैदी को फासी दे दी जाती है. इसकी ये वजह भी है. की फासी से पहले और बाद में जेल अधिकारियो को बहुत सारी प्रक्रियाओ से गुजरना पड़ता है. जैसे मेडिकल टेस्ट, रजिस्टर में इंट्री कई जगह नोट्स भेजना इत्यादि. इसके बाद ही शव को परिवार वालो को सौपा जाता जाता है.

    कुत्ता हमेशा टांग उठाकर टॉयलेट क्यों करता है ?

    ऐसा कहा जाता है की दुनिया का सबसे वफादार जीव अगर कोई है तो वो सिर्फ एक कुत्ता है. आपने कुत्ते को टांग उठाकर टॉयलेट करते हुए जरुर देखा होगा. लेकिन उसका कारण आज हम आपको बताते है. दर अशल कुत्ते किसी दिवार, गाड़ी के टायरो, और खम्बो पर टांग उठा कर टॉयलेट इसलिए करते है.ताकि वे दुसरे कुत्ते के लिए अपनी गंध को छोड़ सके. इतना ही नहीं वे इस गंध का इस्तेमाल अपने रास्ते के पहचान के तौर पर भी करते है. कुत्तो की पहचान करने का अनोखा तरीका होता हैं. यह इनकी कोई हरकत या काम नहीं होता है बल्कि ये उनमे ये जन्म जाती प्रतिभा से ही होता है.