संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को उज्जैन नगरी में बाबा महाकाल के दर्शन किए. साथ ही संघ प्रमुख ने सुजलाम जल महोत्सव को संबोधित किया. इस दौरान डॉक्टर मोहन भागवत ने कहा कि पशु हत्या पानी के व्यय को बढ़ाती है. मीट की इंडस्ट्रीज में पानी की खपत सबसे अधिक होती है, क्योंकि इसे साफ करने में पानी का प्रयोग बहुत ज्यादा होता है. हमें मीट की फैक्ट्रियों को बंद करने की बजाय खुद पर संयम रखना जरूरी है. यदि मेरी भी मीट की फैक्ट्री होती और लोगों के संयम (न खरीदने) के कारण मीट नहीं बिकता, तो मुझे भी अपनी फैक्ट्री बंद करनी पड़ती.
पर्यावरण पर अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि सारे संकट का उपाय पानी के भंडारण को बढ़ाना है. पानी को जितना बचा सकते हैं बचाएं और जितना बढ़ा सकते हैं बढ़ाएं, क्योंकि पानी पृथ्वी की संचित संपत्ति है. हम पानी को कैसे स्टोर कर सके, इसका उपाय करना चाहिए.
बता दें कि मीट फैक्ट्री को लेकर मोहन भागवत का ये बयान तब आया है, जब कर्नाटक में हलाल मीट को लेकर बहस छिड़ी हुई है. मोहन भागवत का यह बयान पानी के बचाव को लेकर है. भागवत का कहना है कि मीट के कारोबार में पानी की खपत ज्यादा होती है. इसको कम करना होगा, ताकि पर्यावरण में संतुलन बना रहे.
भाजपा विधायक संघ के कार्यक्रम में हुए शामिल
वहीं, दूसरी ओर बीजेपी के विधायक मंगलवार (27 दिसंबर) को महाराष्ट्र के नागपुर शहर में संघ परिचय वर्ग (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का परिचय) कार्यक्रम में शामिल हुए. नागपुर में ही अभी राज्य विधायिका का शीतकालीन सत्र चल रहा है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बाद में पत्रकारों से कहा कि विधायकों को भविष्य का भारत पुस्तक भी दी गयी जो आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की व्याख्यान श्रृंखला का संग्रह है.