उत्तराखंड में गड्ढों पर गरमाई सियासत, ऋषभ के साथ हुए हादसे के बाद बौखलाई सरकार !

पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार दुर्घटना झपकी आने से नहीं हुई, बल्कि हाईवे में गड्ढे से कार संभल नहीं पाई। इस समाचार ने एक बार फिर उत्तराखंड की सड़कों की हालत बयां कर दी है। उन्होंने कहा कि खराब सड़कों के कारण राज्य में आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने उत्तरकाशी के तुल्याड़ गांव में गुब्बारों के साथ पाकिस्तान का झंडा मिलने की घटना पर भी चिंता जाहिर की।

दूसरी ओर भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत के हादसे का शिकार होने के बाद परिवहन विभाग ने हाईवे पर हादसे रोकने के लिए 20 सूत्री मास्टर प्लान तैयार किया है। इसके तहत यातायात नियम तोड़ने वालों पर न सिर्फ कार्रवाई होगी बल्कि उनकी काउंसिलिंग भी कराई जाएगी। इसके अलावा कई और बिंदु भी इसमें शामिल हैं।
पिछले दिनों दिल्ली-देहरादून हाईवे पर नारसन के पास भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की लग्जरी कार हादसे का शिकार हो गई थी। इसमें पंत भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हादसे के बाद सड़क सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों के बीच अब परिवहन विभाग के अफसरों ने 20 सूत्री मास्टर प्लान तैयार किया है ताकि वर्ष 2023 में सड़क हादसे कम कर जिंदगियां बचाई जा सकें।

पांच साल में पांच हजार से अधिक की जान गई

परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच साल में उत्तराखंड में सात हजार से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। इनमें 5040 लोगों की जान गई। 2022 में लगभग 500 सड़क हादसे हुए और इनमें 300 से अधिक लोगों की जान गई।

मास्टर प्लान की कुछ खास बातें

– नए सिरे से ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए जाएंगे। रोड सेफ्टी ऑडिट होगा।
– सुधारे गए ब्लैक स्पॉट दुर्घटनाओं के आंकड़ों के आधार पर लिस्ट से हटेंगे।
– अन्य दुर्घटना संबंधी स्थलों का चिन्हीकरण कर उनका सुधार कराया जाएगा।
– पर्वतीय मार्गों पर सर्वे कर सुरक्षा के लिए क्रैश बैरियर और पैराफिट लगाए जाएंगे।
– ओवरलोडिंग, ओवरस्पीड पर रोकथाम के लिए प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
– हाईवे पर रंबल स्ट्रिप लगाकर स्पीड रडार गन, कैमरों से वाहनों की गति की निगरानी होगी।
– हाईवे पर वाहनों की गति का निर्धारण होगा।
– बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई के साथ उनकी काउंसिलिंग की जाएगी।
– दुर्घटना कारकों में चालान होने पर वाहन स्वामियों की काउंसिलिंग कराई जाएगी।
– स्कूल-कॉलेजों में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा।
– वाहन चालकों के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कैंप आयोजित किए जाएंगे।
– स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूली वाहनों की सघन चेकिंग और ऑडिट की कार्रवाई होगी।
– बच्चों में सड़क सुरक्षा की भावना जगाने के लिए कार्यालयों में चिल्ड्रन ट्रैफिक पार्क बनाए जाएंगे।
– विभिन्न मार्गों पर दुर्घटना नियंत्रण के लिए सर्वे कर का सुरक्षा उपाय किए जाएंगे।
– मोबाइल टेस्टिंग वैन से वाहनों की जांच की जाएगी।
– हादसे में घायलों की मदद करने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार दिया जाएगा।
– घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा देने के लिए अस्पतालों, ट्रामा सेंटरों की मैपिंग होगी।
– गोल्डन ऑवर में इलाज की व्यवस्था के लिए समय-समय पर माक ड्रिल की जाएगी।