उत्तराखंड के जोशीमठ में बुधवार को 2 लग्जरी होटल मलारी इन और माउंट व्यू बुधवार को गिराए जा सकते हैं। बुधवार को भी यहां SDRF और प्रशासन की टीमें पहुंची थीं। लेकिन कल इन्हें गिराने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई।
हर साल धंस रहा जोशीमठ और आस-पास का इलाका
उत्तराखंड के जोशीमठ में बुधवार को 2 लग्जरी होटल मलारी इन और माउंट व्यू बुधवार को गिराए जा सकते हैं। बुधवार को भी यहां SDRF और प्रशासन की टीमें पहुंची थीं। लेकिन कल इन्हें गिराने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई।
बुधवार को मुख्यमंत्री के सचिव उन लोगों के साथ एक मीटिंग कर रहे हैं, जिनके मकानों में दरारें आई हैं। करीब 800 मकानों में दरारें हैं। होटलों को गिराने के लिए होटल्स के आसपास की रोड को बंद कर दिया है। मलारी इन के मालिक टी सिंह राणा का परिवार मुआवजे की मांग को लेकर होटल के बाहर बैठ गए हैं।
एक और होटल संचालक लालमणि सेमवाल ने कहा कि जब जोशीमठ से लोग पलायन कर रहे थे। सुख-सुविधाएं नहीं थीं, तब यहां जीवन भर की पूंजी से ये होटल खड़ा किया। आज वक्त की गाज गिर रही है। सरकार हमें मरने के लिए छोड़ रही है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग के दो साल की एक स्टडी में सामने आया कि जोशीमठ और इसके आसपास के क्षेत्र में हर साल 2.5 इंच की दर से जमीन धंस रही थी। देहरादून स्थित संस्थान द्वारा सैटेलाइट डेटा का उपयोग करते हुए यह अध्ययन किया गया है। जुलाई 2020 से मार्च 2022 तक जुटाई गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि पूरा क्षेत्र धीरे-धीरे धंस रहा है। डेटा से पता चलता है कि धंसने वाला क्षेत्र पूरी घाटी में फैला हुआ है और जोशीमठ तक ही सीमित नहीं हैं।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि जोशीमठ में सूक्ष्म भूकंप अवलोकन प्रणाली स्थापित की जाएगी। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि बुधवार से माइक्रो सीसमिक ऑब्जर्वेशन प्रणाली लगाने का काम शुरू हो जाएगा। जोशीमठ बेहद संवेदनशील भूकंप जोन 5 के तहत आता है। लगातार भूंकपीय तनाव बना रहता है।