Jamtara Cyber Crime Part 2
झारखण्ड के जामताड़ा का खुलसा होने के बाद साइबर ठगी का दूसरा जामताड़ा बन चुके मेवात क्षेत्र के साइबर ठगों की पोल भी अब परत दर परत खुलने लगी है. इसी कड़ी में Jamtara Cyber Crime Part 2 के इस केस में हाल ही में खुलासा हुआ है की इन ठगी में इस्तेमाल किये जाने वाले सारे सिम कार्ड दीदी ममता के राज्य से पहले दिल्ली आते थे फिर इन्हें मेवात के नूंह में भेज जाता था जहाँ इनसे ऑनलाइन करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया जाता था.
नूंह साइबर ठगी का बांग्लादेश कनेक्शन
दरअसल हाल ही पकडे गए ठगों से मिली जानकारी के मुताबिक नूहं साइबर ठग बांग्लादेशी सीमा से सटे इलाकों से फर्जी आधार कार्ड से सिम एक्टिव कर विमान के जरिये इसे दिल्ली लाते हैं जिसके बाद डीलर इन सिमों को ठगों को दे देता है और इसके बदले में ठग उसे शिकार किये गए पैसों में कमीशन देते हैं. इस दौरान ठगों तक सिम कार्ड्स पहुंचाने वाले डीलर और कोई नहीं बल्कि मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों के कुछ भ्रष्ट कर्मचारी होते हैं. ये कर्मचारी जिस कंपनी में काम करते हैं उसका फायदा उसका फायदा उठाकर बल्क में सिमों को कंपनी के नाम से बंगाल से दिल्ली भेज देते हैं. उसके बाद बिचौलिए इसे नूंह में बैठे ठगों के पास भेज डेट हैं.
पुलिस ने तोडा था नूंह साइबर ठगों का जाल
लगभग 80 प्रतिशत मुस्लिम बाहुल्य वाले मेवात क्षेत्र के नूंह जिले को इस समय दूसरा जामताड़ा कहा जाने लगा है. दरअसल हाल ही में इस इलाके से पकडे गए साइबर ठगों से पूछताछ के लिए पूरे पुलिस महानिदेशक श्री प्रशांत कुमार अग्रवाल ने 40 साइबर विशेषज्ञों की एक टीम तैयार की। इस दौरान पूछताछ में सामने आई जानकारी ने सभी को झकझोर दिया। दरअलस इस पुछ्ताछ में मालूम चला है की शिक्षा और रोजगार के अवसरों के मामले में पिछड़ा के कारन इस इलाके के हर तीसरे घर में एक साइबर ठग बैठा है और इन ठगों ने अभी तक देश भर के 28000 भोले-भाले लोगों से लगभग 100 करोड़ रुपये की साइबर ठगी को अंजाम दिया है.