बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में नए साल की पूर्व संध्या पर कार से युवती को 13 किलोमीटर तक घसीटने के मामले फोरेंसिक जांच में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कहा जा रहा है कि जब पुलिस को युवती का शव मिला था तो उसमें खून का एक कतरा भी नहीं था। इसके बाद जब आरोपियों की गिरफ्तारी हुई और कार बरामद की गई तो जो सच निकलकर सामने आया उसे देख जांच कर रही टीम भी सन्न रह गई।
रोहिणी स्थित फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) ने आरोपियों की कार का निरीक्षण किया है। कार की चेसिस में ड्राइवर के बगल वाली सीट की तरफ आगे से पीछे तक कार के नीचे खून ही खून लगा मिला है। कार के नीचे स्किन के हिस्से मिले हैं। काफी मात्रा में खून मिला है। एफएसएल के अधिकारियों के अनुसार, युवती कार की अंडर बॉडी पार्ट्स में फंस गई थी। कार से बीड़ी व सिगरेट के बूंड मिले हैं।
शव के पिछले हिस्से में लग गई थी आग
शराब के नशे में धुत आरोपी युवक कार से युवती को घसीटते हुए सुल्तानपुरी से जोंटी गांव, कंझावला तक ले गए। अगले बंपर और पहियों के बीच युवती फंस गई थी। कार में फंसा हुआ शव जब सड़क पर गिरा तो युवक फरार हो गए। रविवार तड़के 4:11 बजे राहगीरों ने सड़क पर युवती का शव देखकर पुलिस को खबर दी।
पुलिसवालों का भी दहला दिल
मौके पर पहुंची पुलिस ने जब युवती का शव देखा तो दिल दहल गया। शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। पिछला हिस्सा सड़क की रगड़ लगने से जलकर गायब हो चुका था। शरीर में खून की एक भी बूंद नहीं बची थी। मामले की जांच कर रहे पुलिसकर्मियों ने बताया कि उन्होंने जीवन में इतना भयानक हादसा कभी नहीं देखा। आरोपी नए साल की पार्टी करने के लिए मुरथल गए थे।
शरीर की कोई हड्डी ऐसी नहीं थी जो टूटी न थी
शरीर की शायद ही कोई ऐसी हड्डी बची हो जो न टूटी हो। एक पैर भी गायब था। दूसरा पैर पूरी तरह टूटकर घूम चुका था। पीठ में रगड़ लगने से शरीर में गड्ढा हो गया था। पीछे की ओर से शरीर के अंदरूनी अंग भी गायब थे। माना जा रहा है कि युवती के शव और उसके कपड़ों के हिस्से सुल्तानपुरी से जोंटी गांव तक फैल गए।