जानें क्या है पूरी खबर
आपको बता दें की WFI चीफ बृजभूषण शरण सिंह ने Wrestlers Protest के मुद्दे को लेकर एक नया वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में उन्होंने कहा की जिन भी घरों की बेटियां पहलवाणीं करती हैं वो उनसे पूँछ लें की क्या मैंने कभी उनका शोषण किया है. आगे विडिओ में WFI चीफ बृजभूषण शरण सिंह ने कहा की ये जो लड़ाई आज मैं इन बीत चुके पहलवानों से लड़ रहा हूँ ये उन्हीं युवा टैलेंट्स के लिए है, ये उन्हीं गरीब बच्चों के लिए है जो ओलिंपिक का सपना लेकर चले हैं.
Wrestlers Protest में इन्होंने पहलवानी कर रहे हर बच्चियों के चरित्र पर इल्जाम लगाया है
दरअसल कल WFI चीफ बृजभूषण शरण सिंह ने एक विडिओ सोशल मीडिया पर अपलोड किया है. जिसने बहुत ही काम समय में जमकर सुर्खियां बटोरीं लोग इस विडिओ को जमकर शेयर कर रहे हैं. इस विडियो में उन्होने कहा है कि “मैं बृजभूषण शरण सिंह एक सांसद हूँ और मुझे सब एक कुश्ती अध्यक्ष के रूप में भी जानते हैं। …….. चाचा ताऊ मैंने कभी इन्हे फोन भी नही किया अगर कोई फोन की डिटेल्स हो तो बताए उसके बाद कहा कि जो मेरे ही बच्चे मेरे ऊपर आरोप लगा रहे हैं ये दिन भी नहीं बता पा रहे है कि कौन सा दिन था और कौन सा समय था फिर उन्होने कहा कि इन्होने जो कहानी बनाई है क्यों बनाई है ये बाद आपको पता चलेगा क्यूंकी जो लड़ाई में लड़ रहा हूँ जिससे बीत चुके पहलवान नाराज है ये लड़ाई मैं आपके जूनियर बच्चों के लिए लड़ रहा हूँ…….. चाचा ताऊ आप हमारी बात ना मानो लेकिन अपने आस-पास के पहलवानी कर रहे बच्चों को 1 मिनट अकेले बुलाकर पूछों अगर वो कह दे बृजभूषण शरण सिंह पर लगाए गए आरोप सही हैं तो जो आपकी इच्क्षा हो वो कर देना 12 साल के अंदर मैंने किसी भी बच्चे के ऊपर कभी कुदृष्टि नहीं डाली और सभी बच्चे घर की हर समस्याओं से हमें अवगत कराते थे इन्होने सिर्फ मेरे ऊपर इल्जाम नहीं लगाया है इन्होने सभों पहलवानी कर रहे बच्चों के चरित्र पर इल्जाम लगाया है.
बीत चुके पहलवान कर रहे हैं Wrestlers Protest
कल जारी किये गए इस विडिओ में जहाँ एक तरफ WFI चीफ बृजभूषण शरण सिंह ने खाप पंचायतों से राम राम कर कहा और कहा की अगर जांच में मैं दोषी पाया जाता हूँ तो आपकी जो मर्जी वो कीजियेगा, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने इन दिनों जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों को बीत चुके पहलवान बताया। दरअसल उन्होंने कहा की ये जो लड़ाई मैं इन बीत चुके पहलवानों से लड़ रहा हूँ ये आपके बाचों के लिए हैं जो ओलिंपिक का सपना लेकर घर से चले हैं.