Madarsa: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान
उत्तर प्रदेश में मदरसे से गैर मुस्लिम छात्रों को निकालने का मामला सामने आया है। Madarsa से गैर मुस्लिम छात्रों को निकाल कर अन्य स्कूलों में भर्ती कराने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मामले को गंभीर रूप से लिया है और साथ ही अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से संबंध तल्ख हो गए हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव को आदेश न मानने पर दिल्ली तलब किया गया है, जिसकी 7 फरवरी को सुनवाई होनी है। सचिव को तलब करने के बाद विभाग में आयोग के अध्यक्ष के भेजे गए निर्देश को अमल में लाने की कोशिश शुरू हो गई है।
UP Madarsa बोर्ड ने भी जताई थी आपत्ति
बीते दिनों राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजकर मान्यता प्राप्त और सरकारी मदरसों में पढ़ने वाले जो छात्र मुस्लिम नहीं हैं उनकी जांच करने के लिए कहा था और उन्हें मदरसे से निकाल कर अन्य स्कूल में दाखिला कराने के लिए कहा था। आयोग के इस आदेश पे मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ साथ यूपी मदरसा बोर्ड ने भी आपत्ति जताई थी।
आयोग के अध्यक्ष ने कहा है कि गैर मुस्लिम बच्चों को स्कूलों से निकालकर अन्य स्कूलों में दाखिला कराने का काम प्रदेश सरकार का है और अपने आदेश को अमल कराने के लिए आयोग एक सक्षम संस्था है। वहीदुल्लाह खान सईदी का कहना है कि किसी भी बच्चे को उसकी इच्छा या उसके माता-पिता के इच्छा के खिलाफ़ कोई भी इल्म नहीं दिया जा सकता है।