Ajay Mishra Teni को HC से बड़ी राहत
आज हाई कोर्ट ने 23 साल पुराने प्रभात गुप्ता हत्याकांड केस में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री Ajay Mishra Teni समेत चारों आरोपियों को बरी करने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट की डबल बेंच में जस्टिस यार मसूदी और ओपी शुक्ला की बेंच ने इस केस में फैसले सुनाते हुए ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है.
क्या था प्रभात गुप्ता हत्याकांड
साल 2000 तारिख 8 जुलाई लखीमपुर के तिकुनिया में लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र नेता प्रभात गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है. जिसके बाद मृतक प्रभात गुप्ता के पिता संतोष गुप्ता की तरफ से FIR दर्ज कराई गयी जिसमे उन्होंने बताया की उनके बेटे प्रभात गुप्ता को दिनदहाड़े गोली से मार दिया गया. इस FIR में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री Ajay Mishra Teni समेत चारों आरोपियों को नामजद्द किया गया. जिसके कुछ ही दिन बाद केस बिना वादी की जानकारी के CBCID को ट्रांसफर कर दिया गया था। जिसकी जानकारी मिलते ही प्रभात गुप्ता के परिवार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री राम प्रकाश गुप्ता के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई लिहाजा 24 अक्टूबर, 2000 को तत्कालीन सचिव मुख्यमंत्री आलोक रंजन ने केस की जांच CBCID से लेकर एक बार फिर लखीमपुर पुलिस को दे दी।
3 दिसंबर 2000 को केस में चार्जशीट लिखकर लगा दी गयी लेकिन इसी बीच अजय मिश्रा समेत सभी आरोपियों ने हाईकोर्ट लखनऊ बेंच से अरेस्ट स्टे ले था जिसे आगे 2001 में जस्टिस डीके त्रिवेदी की बेंच ने खारिज कर दिया। हालांकि दुर्भाग्यवश इसी दौरान वादी पिता का देहात हो गया और केस की की पैरवी प्रभात गुप्ता के छोटे भाई राजीव गुप्ता ने शुरू कर दी.
29 अप्रैल, 2004 में अजय मिश्रा समेत सभी आरोपी को निचली अदालत से बरी करने का आदेश दे दिया गया. जिसके बाद तत्कालीन राजयपाल ने इस मुद्दे को लेकर 9 जून, 2004 को हाईकोर्ट में इस मामले की अपील करने का आदेश दिया। जिसके बाद से ही इस मुद्दे पर हाई कोर्ट अभी तक तीन बार अपने फैसले को रिजर्व रखे हुए था.