Loksabha Election 2024: INDIA गठबंधन बनने के बाद भी UP में राहुल-अखिलेश अलग राह पर? जानें वजह

Table of Contents

Loksabha Election 2024

लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Election 2024) के लिए सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं, एनडीए की मीटिंग 18 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई। जहां कई अहम मुद्दों को रेखांकित करते हुए पीएम ने 2024 का मंत्र दिया। वहीं, दूसरी ओर विपक्षी पार्टियों की बेंग्लुरू में चौबीस की तैयारियों के लिए इंडिया नाम से नया गठबंधन बनाया गया। अब इसके आगे चुनौतियां भी हैं और नई शुरूआत करने मौका भी। एक तरफ मीडिया की खबरों में कहा जा रहा है कि इस गठबंधन से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज हैं। तो दूसरी ओर राहुल गांधी और सपा नेताओं के एक साथ मैदान में नहीं उतरने की बात कही जा रही है।

NDA Meeting
NDA Meeting

गठबंधन के लिए उलझन में कांग्रेस नेता 

विपक्षी पार्टियों को बेंग्लुरू में नया नाम, नई पहचान मिली है, इस बैठक में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और आरएलडी के प्रमुख जयंत चौधरी भी शामिल हुए थे। बैठक के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा, आरएलडी और कांग्रेस की तिकड़ी का उत्तर प्रदेश में गठबंधन हो सकता है। हालांकि गठबंधन पर स्थानीय कांग्रेस नेताओं के बीच उलझने साफ दिख रही है। क्योंकि स्थानीय नेता अकेले चुनाव लड़ने की वकालत कर रहे हैं। बता दें कि सपा से गठबंधन के बीच वरिष्ठ नेता एकमत नहीं हो पा रहे हैं।

सपा और कांग्रेस में अलायंस का फैसला खरगे करेंगे

कांग्रेस नेताओं को कहना है कि साल 2024 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन होगा या नहीं। इसका फैसला राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे लेंगे। जहां पूरे देश में महागठबंधन को लेकर पूरे देश में प्रचार किया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर देश के सबसे ज्यादा सीटों वाला राज्य यूपी में कांग्रेस और सपा एक साथ होते हुए नहीं दिख रहे हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की तर्ज पर कांग्रेस अकेली मैदान में उतरीं थी, लेकिन उसके मुंह की खानी पड़ी थी। अब देखना है कि इंडिया गठबंधन के बनने के बाद कांग्रेस कैसे अपने कदम आगे बढ़ाती है।

80 के बाद कांग्रेस का यूपी में कोई जनाधार नहीं 

बता दें कि 80 के बाद से यूपी में कांग्रेस सत्ता से बेदखल रही है, ऐसे में कर्नाटक चुनाव जीतने के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं में एक भरोसा बढ़ा है कि वह यूपी में कुछ कर सकती है। लेकिन आंकड़े कुछ और ही कहते हैं। आज उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का कोई वोट बैंक नहीं बचा है। वह विधानसभा में मात्र 6 सीटों पर सिमट गई थी और लोकसभा चुनाव में भी काफी अच्छी स्थिति नहीं रही थी। ऐसे में क्या सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो सकता है या सपा अकेले ही यूपी में चुनाव लड़ेंगी? बाहर तो कांग्रेस खूब गठबंधन का प्रचार कर रही है, लेकिन अपने अंदर ही फूट को वह संभाल नहीं पा रही है।