Gyanvapi Case
ज्ञानवापी मामलों (Gyanvapi Case) से जुड़े सभी सात केसों को एक साथ सुनने का वाराणासी की अदालत ने फैसला किया है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने मंगलवार को फैसला दिया है कि वह आने वाली 7 जुलाई को इन सभी सात मामलों की सुनावाई एक साथ करेंगे।
सभी मामलों की सुनवाई के लिए याचिका दाखिल की गई थी
आपको बताते चले कि हिंदू पक्ष ने ही सातों मामलों को एक साथ लाने के लिए याचिका दाखिल की थी। अब 7 जुलाई को पहली बार एक साथ सात केस की सुनवाई होगी। मां श्रृंगार गौरी प्रकरण की चार महिला वादिनियों सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी की ओर से जिला अदालत में याचिका दाखिल की गई थी। इसके बाद ही कोर्ट ने आदेश पारित किया कि सात अलग-अलग मुकदमों की सुनवाई जिला जज की अदालत में की जाए।
कोर्ट ने सभी केसों की फाइल को तलब किया
जिला अदालत में याचिका दाखिल होने के बाद ही ज्ञानवापी से संबंधित सभी सात मुकदमों की फाइलों को तलब किया गया। इस मामले पर सभी पक्षों के बयान पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं। बता दें कि हिंदू पक्ष के वकील सुभाष चतुर्वेदी ने कहा कि हमारी लंबे समय से मांग थी कि सभी सात केस को एक साथ ला दिया जाए। अब अदालत ने इन केसों की एक साथ सुनवाई करने का फैसला सुना दिया।
मुस्लिम पक्ष ने जताई आपत्ति
एक साथ सभी मामले की सुनवाई पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद व सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने 42 बिंदुओं पर छह पेज में आपत्ति दर्ज कराई है। बता दें कि वादियों ने मांग की है कि ज्ञानवापी के संपूर्ण परिसर जीपीआर तकनीकी या कार्बन डेटिंग के माध्यम से सर्वे की मांग की है। वहीं, अधिवक्ता के मुताबिक एएसआई के सर्वे के मुताबिक ही पता चल सकेगा कि कोई नया निर्माण तो नहीं कराया गया?