gyanvapi mosque: ज्ञानवापी ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था आदेश

Table of Contents

Gyanvapi Mosque Case

ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque Case) में मिले कथित ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख तक रोक लगा दी है। बता दें कि मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के वैज्ञानिक सर्वे कराने वाले फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 मई को हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए वैज्ञानिक सर्वे का आदेश दिया था। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को वाराणासी की जिला अदाल में 22 मई को सर्वे के तरीके पर चर्चा करनी थी।

मुस्लिम पक्ष ने SC में जल्द सुनवाई की मांग की 

शीर्ष अदालत के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच के सामने मुस्लिम पक्ष की ओर से हुजेफा अहमदी ने अदालत में कहा कि जल्द सुनवाई करने की जरूरत है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह शुक्रवार को इस पर सुनवाई करेंगे। गौरतलब हो कि हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी में कथित तौर पर शिवलिंग होने का दावा किया था।

कमिश्नर सर्वे की रिपोर्ट में शिवलिंग का दावा 

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पिछले वर्ष कमिश्नर सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद इस बात का दावा किया गया था कि शिवलिंग जैसी आकृति का एक फव्वारा मिला है। एक ओर तो हिंदू पक्ष ने इसे असली शिवलिंग बताया तो दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वार बताया था। इसके बाद आगे की जांच के लिए पूरा इलाका सील कर दिया गया और सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। कथित तौर पर शिवलिंग मिलने के बाद हिंदू पक्ष ने वाराणासी की जिला अदालत से कार्बन डेटिंग की मांग करते हुए याचिका दायर की थी।

22 मई को शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर चर्चा 

हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला जज ने माना की शिवलिंग को नुकसान पहुंच सकता है, इसी आशंका में जिला अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया और हिंदू पक्ष इसके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया। वैज्ञानिक सर्वे को लेकर हाईकोर्ट ने एएसआई से रिपोर्ट मांगी और उसने बताया कि बिना शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बिना पांच तरीके से सर्वे हो सकता है। इस पर हाईकोर्ट ने शिवलिंग का साइंटिफिक सर्वे कराने मंजूरी देते हुए एएसआई को अपनी रिपोर्ट 22 को जिला अदालत में सौंपने के लिए कहा था।