Conversion: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हिंदुओं के धर्मपरिवर्तन की साजिश

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Conversion: उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मतांतरण गिरोह की नई साजिश का पर्दाफाश हुआ है, हिंदुओं से ही हिंदू युवकों के मतांतरण की साजिश रची गई है। बता दें कि एएमयू में पिछले दस साल से इस साजिश को रचा जा रहा है। यहां पर सक्रिय गिरोह ने सुनियोजित तरीके से सौरभ को गुमराह करके अब्दुल्ला अहमद बना दिया और उसके बाद सौरभ को ही पूरे देश में धर्मांतरण के लिए लोगों को प्रेरित करने का जिम्मा सौंप दिया।

Conversion gang in AMU
Conversion gang in AMU

विदेशों से मिलती है फंडिंग 

सूत्रों के अनुसार धर्मांतरण का कार्य विदेश में बैठे उन लोगों के इशारों पर किया जा रहा है, जो इसके लिए फंडिंग कर रहे हैं। सौरभ को अब्दुल्ला बनाने की गंभीरता को देखते हुए अब एसआइटी का भी गठन कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि एजेंसी के द्वारा उन लोगों की जड़ों तक पहुंचने का तरीका है, जो लोग धर्मांतरण करा रहे हैं। साथ ही इस मामले की जांच आईबी को भी सौंप दी गई है।

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एडमिशन के बाद गिरोह के संपर्क में आया 

सौरभ ने वर्ष 2011 में एएमयू में एडमिशन लिया था, जिसके बाद ही वो मतांतरण करने वाले गिरोह के संपर्क में आया था। उस ग्रुप ने सौरभ का लगातार ब्रेन वॉश किया और उसपर अप्रत्यक्ष रूप से दवाब डालकर उसका धर्मांतरण किया गया। इनमें कुछ सक्रिय गिरोह अन्य हिंदू युवाओं का मतांतरण करने में लगे हुए हैं, जो दूसरे लोगों का भी धर्मांतरण करने में लगे हुए हैं। बता दें कि इन लोगों का धर्मांतरण करने का तरीका बिल्कुल नायाब है। यहां पर सबसे पहले हिंदू युवाओं को इस्लाम की अच्छी-अच्छी बात बताई जाती है।

पहले इस्लाम की खास बात, फिर हिंदू धर्म की आलोचना

धर्म की खास बात बताकर जब उन ग्रुप को लगने लगता है कि उन हिंदू युवाओं का इस्लाम के प्रति झुकाव होने लगा है। तब वह हिंदू धर्म की आलोचना करना शुरू करते हैं। प्रतिदिन इस तरीके से रुटिन वर्क में काम किया जाता है। युवक इस तरह से इस्लाम से प्रभावित हो जाता है कि मजबूर होकर वह इस्लाम स्वीकार कर लेता है। अब इनकी सत्यता की जांच करने के लिए खूफिया एजेंसी यूनिवर्सिटी के अन्य अधिकारियों से संपर्क साधेगी और जांच करेगी।

प्रशासन के संज्ञान में नहीं आया मामला

वहीं, एएमयू के जनसंपर्क अधिकारी उमर सलीम पीर जादा ने कहा कि इस तरह का मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है। न ही किसी से संपर्क किया गया है। इस बारे में अलीगढ़ के एसएसपी कलानिधि नैथानी का कहना है कि ये मामला काफी पुराना है। अभी किसी से संपर्क नहीं किया गया है और तथ्यों को बारीकी से तलाशा जा रहा है और सतर्कता बनाए हुए हैं।