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UP News: उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़ों इलाकों में से एक बुंदेलखंड को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे पर यूपी सरकार एक नई शुरूआत करने जा रही है। बता दें कि बुदेलखंड को सरकार अब सोलर एक्सप्रेस-वे बनाने जा रही है। सोलर पैनल से पूरा एक्सप्रेस-वे जगमगाएगा और आसपास के गांवों को भी इसका फायदा मिलेगा। यूपीडा ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है।
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सोलर ऊर्जा के लिए निजी कंपनियों से मांगे लेटर
यूपीडा से मिली जानकारी के अनुसार, 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को सौर ऊर्जा चालित विकसित करने एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट का लेटर जारी कर इच्छुक आवेदनकर्ताओं के आवेदन मांगे हैं। साथ ही प्राइवेट कंपनियों से आवेदन और सुझाव भी मांगे गए हैं। इसके लिए यूपीडा ने 17 अगस्त दोपहर 3 बजे तक समय दिया है। पीपीपी मॉडल पर आधारित सोलर पैनल इंस्टालेशन के जरिए पूरे एक्सप्रेस वे को सौर ऊर्जा से लैस करने की अनूठी पहल की जा रही है।
आवेदन करने के बाद कंपनियों को प्रेजेंटेशन के लिए बुलाया जाएगा
बता दें कि सोलर पैनल के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों के अप्लाई करने के बाद उने प्रेजेंटेशन के लिए बुलाया जाएगा। इसके बाद सोलर पैनल की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बताया जा रहा है कि 4 लेन वाले इस एक्सप्रेस वे में कैरेज वे और सर्विस लेन के दो हिस्से बनाए गए हैं। इन्हीं दोनों के बीच लगभग 15 से 20 मीटर चौड़ाई की पट्टी वाला क्षेत्रफल पूरे एक्सप्रेसवे में खाली है। अब इसी क्षेत्र में सोलर पैनल लगाए जाएंगे। जिससे पूरा एक्सप्रेस वे सौर ऊर्जा से लैस होगा।
लखनऊ-आगरा पर भी लगाए गए सौर ऊर्जा
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर कई जगह सौर ऊर्जा के पैनल लगाए गए हैं, मगर इन सौर ऊर्जा से जो एनर्जी तैयार की जाती है। उससे टोल प्लाजा और कुछ इलाके को ही रोशनी दे पाती है। लेकिन बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे 296 किलोमीटर लंबा है, जो कि पूरा ही जगमगाएगा। UPEDIA के एसीईओ हरिनाथ शाही का कहना है, अभी यह शुरुआत है. अगर कार्य योजना ने ठीक ढंग से कम किया, पीपीपी मॉडल पर यह योजना कारगर रही तो एक्सप्रेसवे पर लगे सोलर पैनल से हम अतिरिक्त बिजली भी बना सकेंगे।