Allahabad News: मोबाइल गेम से धर्मांतरण का एक और मामला आया सामने, बंद किया पूजा-पाठ… जनेऊ तोड़ पढ़ने लगा नमाज

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Allahabad News: प्रयागराज के संगमनगरी में मोबाइल गेम की आड़ में एक धर्मांतरण का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि एक किशोर ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखता है। 17 वर्षीय नाबालिग बच्चे ने अचानक पूजा-पाठ करना बंद कर दिया और एक दिन नमाज पढ़ने लगा। घर वालों को इस बात की कोई भनक नहीं लगी। एक समय था जो लड़का कभी पूजा करने के लिए रोज मंदिर जाता था। लेकिन अचानक एक दिन मजार पर जाकर दिवारों पर लिखी उर्दू इबारत को चूमने लगा।

Game Caste Conversion Case
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गाजियाबाद से भी ऐसा ही मामला सामना आया था

पिछलों दिनों यूपी के गाजियाबाद जिले से ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जहां मोबाइल गेम खेलने के दौरान कुछ विशेष समुदाय को लोगों ने झांसा देकर धर्म परिवर्तन करने की कोशिश की थी। वह मामला ठंडा नहीं हुआ कि उत्तर प्रदेश में एक और केस सामने आ गया।

पहले जनेऊ तोड़ा, फिर नमाज पढ़ने लगा

नाबालिग लड़का पहले मुस्लिम बच्चों के साथ रहने लगा और कुछ दिनों बाद उसने अपना जनेऊ तोड़कर नमाज पढ़ने लगा। ऐसे में बच्चे की मां सोचने लगी कि वो मानसिक रूप से बीमार हो गया है। बेटे को मोती लाल नेहरू मंडलीय हॉस्पिटल (कॉल्विन) लेकर गई। यहां पर बच्चे का धर्मांतरण के मामले का खुलासा हुआ। साइकोलॉजिस्ट को लड़के की मां ने सारी कहानी बताई, शुरू में तो ऐसा लगा कि द केरला स्टोरी जैसी कहानी है। लेकिन जब डॉक्टरों ने इस बात की जांच गहन की तो बताया कि ये धर्मांतरण के शुरूआती लक्षण है।

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काम से लौटने के बाद घर आकर पूरा समय गेम में लगाता था

चित्रकूट की रहने वाली महिला का 6 साल पहले अपने पति से विवाद के बाद प्रयागराज में रहने के लिए आई गई थी। महिला के पांच बच्चे हैं, इसमें सबसे बड़ा 17 साल का जो ई-रिक्शा चलाने लगा, काम से लौटने के बाद लड़का मोबाइल में गेम खेलने लगा था। धीरे-धीरे उसके व्यवहार में बदलाव आया और वह पूजा की मंडली से उठकर चल जाता था। तेजी से इस बदलाव को देखते हुए बच्चे की मां भी काफी परेशान हो गई थी।

एक हफ्ते कमरे में बंद रहकर नमाज पढ़नी शुरू की

पहले लड़के ने अपना जनेऊ तोड़ा, फिर पूजा से उठकर चला था। इसके बाद हद तब हो गई जब वह एक हफ्ते तक अपने कमरे से बाहर नहीं निकला और नमाज पढ़ने लगा। साथ ही अपने ई-रिक्शा पर चांद सितारे लगाने शुरू कर दिए। इस मामले में मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. ईशान्यराज ने कहा कि मोबाइल के जरिए धर्मांतरण करने का ये पहला मामला सामने आया है। बच्चे को खुश और समझाने की सलाह दी है, साथ ही इसकी कुछ दिनों तक दवाई चलेगी।

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