Rahul Gandhi ने मुस्लिम लीग को बताया सेक्युलर पार्टी, भाजपा ने किया पलटवार

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Rahul Gandhi In Washington DC

बीते मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष Rahul Gandhi 6 दिवसीय दौरे पर अमेरिका पहुंचे हैं. जहां कल उन्होंने कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में आयोजित एक कार्यक्रम बे एरिया मुस्लिम कम्युनिटी द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि पर हमला किया था. दरअसल इस दौरान एक प्र्श्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा था कि भारत के सारे अल्पसंख्यक समुदाय सिख, ईसाई, दलित, आदिवासी डरा हुआ महसूस कर रहे हैं। जिसके बाद राहुल के इस बयान को सियासी गलियारे में काफी बवाल मचा था. इसी बीच आज राहुल गाँधी वॉशिंगटन डीसी में आयोजित नेशनल प्रेस क्लब में सवाल देते हुए एक बार फिर अपने बेबुनियाद तर्क को लेकर भाजपा के निशाने पर हैं.

तस्वीर में राहुल गांधी वॉशिंगटन डीसी के नेशनल प्रेस क्लब में सवालों का जवाब देते नजर आ रहे हैं।
Rahul Gandhi in Washington DC

मुस्लिम लीग को बताया धर्मनिरपेक्ष

दरअसल आज कांग्रेस नेता राहुल गाँधी वाशिंगटन डीसी पहुंचे हैं. जहां उन्होंने नेशनल प्रेस क्लब में मीडिया द्वारा पूंछे जा रहे सवालों के उत्तर दिए लेकिन इसी दौरान उन्होंने एक ऐसा जवाब दिया जिसको लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोलना शुरू कर दिया है. दरअसल इस दौरान जब मिडिया ने राहुल से पूछा कि “आपका केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) से गठबंधन है?” तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि “मुस्लिम लीग पूरी तरह से एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है। मुस्लिम लीग के बारे में कुछ भी गैर-धर्मनिरपेक्ष नहीं है।” राहुल गाँधी द्वारा दिए गए इसी बयान को लेकर कई भाजपा नेताओं ने उनपर जमकर हमला बोला है.

अमित मालवीय का पलटवार

Amit Malviya
Amit Malviya

राहुल गाँधी के अमेरिका जाने के साथ ही सियासी गलियारे में आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हो गया है. ऐसे में आज वाशिंगटन डीसी में राहुल द्वारा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्ष बताये जाने के बाद भाजपा के कई नेताओं ने उनका घेराव किया है. इसी कड़ी में राहुल के बयान पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय ने कहा कि “जिन्ना की मुस्लिम लीग, जो पार्टी धार्मिक आधार पर भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार है, राहुल गांधी उसे एक ‘धर्मनिरपेक्ष’ पार्टी बता रहे हैं।” अपने बयान को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने बताया कि “वायनाड में स्वीकार्यता बनाए रखने के लिए राहुल गांधी की मजबूरी है कि मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्ष पार्टी कहना।”