Chandrayaan-3: भारत फिर दिखाएगा अंतरिक्ष में अपनी ताकत, ISRO ने पूरा किया रिहर्सल… जानिए क्या है इसके मायने

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Chandrayaan-3

Chandrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कहा कि उसका चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। इसके उड़ान भरने की टाइमिंग 2:35 PM रहेगी। बता दें कि इसरो ने 11 जुलाई 2023 को अपना लॉन्चिंग रिहर्सल पूरा कर लिया है। ये रिहर्सल पूरे 24 घंटे चला। रिहर्सल के दौरान श्रीहरिकोटा के लॉन्च सेंटर से लेकर अन्य सभी केंद्र, टेलीमेट्री सेंटर और संचार यूनिट्स की बारिकी से जायजा लिया गया। ताकि सेंटर्स अपना काम क्रमबद्ध तरीके से कर सके।

ISRO shriharikota
ISRO shriharikota

चंद्रयान-2 का चंद्रमा पर 6 सितंबर 2019 मिशन खत्म हो गया था

चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का दूसरा रुप है, इसका एक ही उद्देश्य है कि चंद्रमा की सतह पर एक लैंडर और रोवर पहुंचाकर चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की क्षमता प्रदर्शित करना है। चंद्रयान-2 का चंद्रमा पर 6 सितंबर 2019 को मिशन खत्म हो गया था। अब दुनिया में तीन ही देश हैं, जो चंद्रमा पर उतर चुके हैं। पहला अमेरिका, सोवियत संघ और चीन हैं।

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चंद्रमान में नहीं होगा आर्बिटर 

बता दें कि इस बार चंद्रयान में आर्बिटर नहीं भेज रहा है, बल्कि स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल भेज रहे हैं। यह लैंडर और रोवर को चंद्रमा की सतह तक लेकर जाएगा। इसके बाद चंद्रयान-3 चंद्रमा के चार ओर 100 किलोमीटर के दायरे में चक्कर लगाता रहेगा। इसमें आर्बिटर इसलिए नहीं लगाया, क्योंकि ये चंद्रमा की स्टडी नहीं करता है। बताया जा रहा है कि इसका वजन 2145.01 किलोग्राम है, इसमें 1696.39 ईंधन होगा।

इसमें एस-बैंड ट्रांसपोंडर लगा

आपको बताते चले कि इममें एस-बैंड ट्रांसपोंडर लगा है, इसके माध्यम से इंडियन डीप स्पेस संपर्क साध सकेगा और लैंडर, रोवर से मिला मैसेज सीधे भारत तक पहुंचेगा। इस मॉड्यूल की उम्र 3 से 6 महीने तक रखी गई है। ये टाइम वैज्ञानिकों की तरफ से रखा गया, शायद हो सकता है कि इससे ज्यादा भी चल जाए। साथ ही यह स्पेक्ट्रो-पोलैरीमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लैनेटरी अर्थ (SHAPE) के धरती के प्रकाश किरणों की स्टडी करेगा।