जानें क्या है पूरा मामला
आपको बता दें लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर बताया है की कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सदस्यता को रद्द कर दिया गया है। दरअसल सूरत की कोर्ट में कल ही उन्हें Defamation Case में दोषी पाए जाने के बाद 2 साल की सजा सुनाई गई थी और 2013 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी फैसले के अनुसार अगर किसी जन प्रतिनिधि जैसे विधायक या सांसद को 2 साल या उससे अधिक की सजा मिलती है तो उसकी सदस्यता को रद्द कर दिया जाएगा।
सूरत कोर्ट ने Defamation Case में सुनाई थी 2 साल की सजा
दरअसल बीते गुरुवार को 2019 से चले आ रहे Defamation Case में कोंग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई गई थी। यही नहीं इसके साथ ही सूरत कोर्ट से राहुल गांधी को इस फैसले के खिलाफ अपील दायर करने के लिए 30 दिनों की महोलत भी दी गई थी। जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए उनके वकील ने कहा भी था की हम इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे हालांकि अभी तक हाई कोर्ट में इस मुद्दे को लेकर किसी भी तरह की अपील नहीं की गई है।
Read More: CM SHIVRAJ SINGH CHOUHAN ने युवाओं के लिए लॉन्च की ‘मुख्यमंत्री युवा कौशल कमाई योजना’
जानिए राहुल गांधी पर दर्ज Defamation Case के बारे में
दरअसल बात है 2019 की जहां लोकसभा चुनाव को लेकर पूरे देश में राजनीति ने तूल पकड़ रखी थी। इसी दौरान कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान उन्होंने कहा था की ” चोरों का सरनेम मोदी है। मैं जानना चाहता हूं की सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है, चाहे वो ललित मोदी हो, नीरव मोदी हो या फिर नरेंद्र मोदी।” जिसके बाद उनके द्वारा दिए गए इस आपत्तिजनक बयान को लेकर सूरत पश्चिम से बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ Defamation Case कर दिया था। उन्होंने अपने केस में कहा था की राहुल गांधी ने हमारे पूरे समाज को चोर कहा है और ये हमारी समाज की मानहानि है।
वहीं अगर बात करें इस मुद्दे को लेकर राहुल गांधी की पेशी की तो आपको बता दें इस मामले में राहुल गांधी को कुल तीन बार कोर्ट में पेश होना पड़ा। जिसमे राहुल गांधी ने बयान देते हुए कहा था की मेरी मंशा गलत नहीं है मैंने तो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी। हालांकि कल ही सूरत कोर्ट ने इन्हे आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया था और साथ ही जमानत भी दे दी गई थी।