Indian Economy
Indian Economy: भारत लगातार आर्थिक शक्ति बनने के लिए लगातार आगे बढ़ रहा है, हाल ही में आरबीआई ने यह बात अपनी मासिक रिपोर्ट में कही थी। गुरूवार को आर्थिक शोध और बाजार पर नजर रखने वाली दुनिया की दो बड़ी एजेंसियां स्टैंडर्ड एंड पुअर्स और मॉर्गन स्टेनली ने इस बात को माना है कि भारत दुनिया में आर्थिक गतिविधियों को तेजी से आगे बढ़ा रहा है।
आने वाले समय में भारत बनेगा सुपर पावर
डाटा, रिसर्च व एनालिटिक्स फर्म एसएंडपी ने नई दिल्ली में जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत आज उस स्थिति में खड़ा है, जहां वह आने वाले कुछ दशकों में सुपर पावर बन सकता है। दूसरी ओर मोर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय पूंजी बाजार को ओवरवेट की श्रेणी में रखा है, इसका अर्थ है कि भारत की अर्थव्यवस्था आने वाले समय में दूसरे देशों से काफी बेहतर स्थित में कदम रखेगी। इससे भारतीय शेयर बाजार में भी अच्छा उछाल देखने को मिलेगा।
इन दो रिपोर्टों ने चीन मनोबल गिराया
लेकिन भारत का पड़ोसी देश चीन में इन दो रिपोर्टों में उसका स्तर घटा दिया है, इन दोनों इंटरनेशनल स्तर की एजेंसियों की रिपोर्ट को संकेतक मान कर चले तो एसएंडपी, मूडीज जैसी बड़ी संस्थाओं को भी भारतीय अर्थवस्था को लेकर अपने आंकड़े में बदलाव करना पड़ सकता है। इन दोनों रिपोर्टों के अलावा विश्व बैंक, एडीबी पहले ही भारत का साल 2023-24 और इसके बाद दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बनी रहेगी।
भारत की विकास दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अधिकतर एजेंसियों का मानना है कि देश की 6.5 फीसदी के आसपास आर्थिक विकास दर रह सकती है। वहीं, आरबीआई की एक रिपोर्ट कहती है कि भारत अगर आने-वाले 25 सालों तक 7 फीसदी की दर विकास करता रहा तो वह 2027 तक विकसित देशों की सूची में शामिल हो जाएगा। वहीं, अगर मोर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.2 फीसदी रहने वाली है।
श्रम बल पर टिकी अर्थव्यवस्था
रिपोर्ट की माने तो भारत की आर्थिक संवृद्धि 67.8 करोड़ श्रम बल के कंधे पर टिका होगा, साथ ही भारत को ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को कार्य क्षेत्र में लाना होगा। वर्ष 2022 का आंकड़ा बताता है कि भारत की सिर्फ 24 फीसद महिलाएं काम करती हैं। दूसरी बात मैन्युफैक्चरिंग पर भारत को ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही भारत में कौशलता के साथ युवाओं को तैयार करने की भी जरूरत है। क्योंकि भारत अगर बड़ी अर्थव्यवस्था बनता है तो उसको अधिक कौशल लोगों की जरूरत पड़ेगी।